आज जब भी कोई हॉरर फिल्में देखने की बात करता है तो लोग उसे हॉलीवुड की दो-चार फिल्मों के नाम गिनवाते हैं। आज के दौर में लोग हॉरर की बात आते ही हॉलीवुड फिल्मों का रुख करने लगते हैं, लेकिन अगर आप 80 या 90 के दौर के हैं तो आपको यह पता होगा कि तुलसी रामसे की हॉरर फिल्मों ने उस समय के लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे। आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर जानते हैं निर्देशक की जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।
तुलसी रामसे का जन्म 29 जुलाई 1944 में हुआ था। तुलसी फिल्मी दुनिया के उन निर्देशकों में आते हैं, जिन्होंने बरसों तक तक सिर्फ भूतिया फिल्में बना कर सिनेमा पर राज किया। तुलसी को हॉरर फिल्मों का जन्मदाता भी कहा जाता है। यही नहीं, यह उस दौर की बात है जब अमिताभ बच्चन जैसे हीरो का इंडस्ट्री पर दबदबा कायम था और दर्शक रोमांस, एक्शन जैसी फिल्में देखना पसंद करते थे।
प्यार भरे रोमांटिक गानों और एक्शन जैसी मारधाड़ की फिल्मों के बीच जब तुलसी ने अपने हॉरर दुनिया की रचना की तो दर्शकों खुद को सिनेमाघरों में आने से नहीं रोक पाए। उस समय तुलसी के लिए हॉरर फिल्में बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था क्योंकि दर्शकों की जुबान पर रोमांटिक गीत का बसेरा था, लेकिन इस चुनौती पर विजय पाकर निर्देशक ने दर्शकों की पसंद को ही बदल दिया।
उस समय अपनी कल्पना के भूतों को स्क्रीन पर उतारना निर्देशक के लिए काफी कठिन रहा होगा। इसलिए भले ही तुलसी के भूत फिल्म समीक्षकों को समझ नहीं आई, लेकिन उनकी फिल्मों को अच्छा खासा दर्शक वर्ग जरूर मिल गया था। या यूं कहें कि तुलसी का नया एक्सपेरिमेंट दर्शकों के मन में पूरी तरह रच-बस गया था।
तुलसी को कामयाबी साल 1990 से मिलनी शुरू हो गई थी, जब घर-घर में टीवी ने अपनी जगह बना ली थी। दर्शकों की अच्छी संख्या के साथ लोगों तक अपनी डरावनी दुनिया को पहुचाना निर्देशक के लिए भी काफी आसान हो गया था। आज निर्देशक भले ही हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्मों ने उन्हें अमर किया हुआ है।