मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर संसद के बाहर और भीतर सरकार तथा विपक्ष के बीच बहस जारी है। इसके चलते सभापति को लगातार तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई थी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) ने सोमवार को रातभर संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन जारी रखा।
बता दें, सोमवार को संसद में मणिपुर मामले में काफी बवाल देखने को मिला, जहां मौजूदा सत्र के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को निलंबित कर दिया गया, वहीं तृणमूल के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हो गई थी। वहीं, विपक्ष प्रधानमंत्री से सदन में मणिपुर पर बयान देने की मांग कर रहा है।
इन्हीं सब को लेकर सोमवार रात 11 बजे विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसद संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने इकजुट हुए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। आप और कांग्रेस के सांसद ‘इंडिया फॉर मणिपुर’ की तख्तियां लिए विरोध करते नजर आए। यह प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा।
यह है तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टियों ने अपने नेताओं के बारी-बारी से धरनास्थल पर मौजूद रहने का पूरा खाका तैयार किया है। यह तय किया गया कि कौन-कौन से नेता अलग-अलग समय पर धरने में शामिल होंगे। एक नेता का कहना है कि विपक्षी दलों में पूरी एकजुटता है। यह संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ है। साथ ही इस मांग को लेकर भी प्रदर्शन किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के विषय पर संसद के भीतर बयान दें।
सरकार और विपक्ष मढ़ रही एक दूसरे पर आरोप
विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है।
खरगे का पीएम पर वार
विरोध शुरू होने से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार असंवेदनशील है। उन्होंने कहा था कि पीएम को सदन में आकर बयान देना चाहिए। यह हमारी मांग है। हम उस बयान पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आप बाहर बोल रहे हैं, लेकिन अंदर नहीं। यह संसद का अपमान है। यह एक गंभीर मामला है।
पक्ष का विपक्ष पर हमला
दूसरी तरफ, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षी नेताओं पर बहस से भागने का आरोप लगाया और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों पर उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाया। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि विपक्ष को बहानेबाजी नहीं करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने मानसून सत्र से पहले ही मणिपुर पर संवेदनशीलता और दृढ़ता के साथ बयान दिया है। यह गलत है कि हमने प्रधानमंत्री के नाम का बहाना बनाकर संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा ही शुरू नहीं की।