डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की बनी फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ आज से दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। इस फिल्म में हॉलीवुड के फेमस एक्टर सिलियन मर्फी, रॉबर्ट डाउन जूनियर के साथ कई बेहतरीन कलाकारों ने काम किया है। यह फिल्म दुनिया का पहला परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म काई बर्ड और दिवंगत मार्टिन जे. शेरविन के पुलित्जर पुरस्कार विजेता उपन्यास अमेरिकन प्रोमेथियस का रूपांतरण है।
इस फिल्म को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु हमले की 78 बरसी होने से पहले रिलीज किया है। फिल्म में सिलियन मर्फी ने ‘परमाणु बम के जनक’ जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की भूमिका निभाई है। कहानी में उनकी भूमिका को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था की फिल्म के लिए उन्होंने भगवत गीता भी पड़ी थी। जिसके बाद फिल्म ने भारत में जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन में और रुचि बढ़ा दी है।
वहीं, भारतीय लेखक देवदत्त पटनायक ने ‘ओपेनहाइमर’ की ही उस बात को गलत बताया है जिसमें उन्होंने भगवद गीता का जिक्र किया था। दरअसल, 1960 के दशक में दिए गए एक इंटरव्यू में ओपेनहाइमर ने एटम बम के धमाके के बाद कहा था कि धमाके के बाद उनके जहन में हिंदू धर्म ग्रंथ गीता का एक श्लोक आया था। अंग्रेजी में दिए इंटरव्यू में उन्होंने गीता का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं अब काल हूं जो लोकों (दुनिया) का नाश करता हूं।’ वो गीता के 11वें अध्याय के 32वें श्लोक का जिक्र कर रहे थे।
साल 1945 में न्यू मैक्सिको में जब परीक्षण सफलतापूर्वक किया। शुरुआत में उन्होंने इस उपलब्धि का जश्न मनाया, साथ ही हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी का भी जश्न मनाया, लेकिन बाद में उनके सामने विवेक का संकट खड़ा हो गया। उनकी खूब आलोचना भी हुई थी।
देवदत्त पटनायक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब उन्हें पता चला कि ओपेनहाइमर ने गीता से क्या कोट किया है, तो वो हैरान रह गए, क्योंकि उन्हें इस कोट के बारे में बिल्कुल भी नहीं पता था। उन्होंने कहा, ‘मैंने ओपेनहाइमर पर कुछ रिसर्च की थी और मुझे ये लाइन कभी नहीं मिली थी। मैंने ये लाइन कभी नहीं सुनी थी। किसी ने कहा कि ये चैप्टर 11, श्लोक 32 है, जो वास्तव में ‘काल-अस्मि’ कहता है, जिसका अर्थ है ‘मैं समय हूं, दुनिया का विनाशक हूं’। तो उनका अनुवाद ही गलत है। ये ‘मैं मृत्यु हूं’ नहीं है। ये समय है, समय दुनिया का विनाशक है।’
यह भी पढ़ें: प्रिय अज्जू भैया, अत्र कुशलं तत्रास्तु, सुने बिना हेलमेट निकलते हो तो ट्रैफिक वाला सलाम करता है