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Asian Games:विनेश-बजरंग को मिली डायरेक्ट एंट्री तो बृजभूषण शरण ने जताई नाराजगी, बोले- कुश्ती को होगा नुकसान – Brijbhushan Sharan Angry Over Vinesh Bajrang Getting Direct Entry In Asian Games Said Wrestling Will Suffer

Brijbhushan Sharan angry over Vinesh Bajrang getting direct entry in Asian Games said wrestling will suffer

बृजभूषण शरण सिंह, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया
– फोटो : सोशल मीडिया

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पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों की टीम में सीधे शामिल किए जाने के फैसले पर भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। बृजभूषण शरण का मानना है कि इससे देश में कुश्ती का नुकसान होगा। बजरंग (65 किलो) और विनेश फोगाट (53 किलो) को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों की टीम में शामिल कर लिया गया है। तदर्थ समिति ने दोनों को टीम के मुख्य प्रशिक्षकों की मर्जी के खिलाफ टीम में जगह दी है। इस फैसले के खिलाफ इन दोनों के भारवर्ग के दूसरे पहलवानों में रोष व्याप्त हो गया है।

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्होंने पहलवानों को छूट देने की प्रथा को समाप्त कर दिया था क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि इससे जूनियरों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ”तदर्थ समिति द्वारा यह निर्णय लिए जाने के बाद से मैं बहुत व्यथित हूं। इससे इस देश में कुश्ती के खेल को नुकसान होगा। इस खेल को ऊपर उठाने के लिए बहुत से लोगों ने कड़ी मेहनत की है। एथलीट, उनके माता-पिता, खेल के प्रशंसक, सभी ने कड़ी मेहनत की है।”

‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है’

बृजभूषण शरण ने कहा, ”आज कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें ओलंपिक पदक पक्का माना जाता है। ये पहलवान एशियाई खेलों जैसी प्रतियोगिता में जाएंगे। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।” बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बजरंग और विनेश सहित कई पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया था। वह यौन शोषण के मामले में अंतरिम जमानत पर हैं और खेल संहिता के दिशानिर्देशों के कारण आगामी डब्ल्यूएफआई चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं। उन्हें लगता है कि पहलवानों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन किसी न किसी से प्रेरित था।

क्यों बदले थे नियम?

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “हमने इन पहलवानों को सीधे (राष्ट्रमंडल खेलों में) नहीं भेजा था। हालांकि हमने उन्हें सीधे सेमीफाइनल में जगह दी। हमें बाद में एहसास हुआ कि शायद यह सही नहीं है और यही कारण है कि हमने अपनी कार्यकारी समिति में इस मुद्दे पर चर्चा की और कोचों से सलाह ली। अन्य देशों के नियमों का अध्ययन किया और आम सभा की बैठक में नए नियम पारित किए कि किसी भी स्थिति में किसी भी पहलवान को ऐसी छूट नहीं दी जाएगी।”

रोहतक की आम सभा में पारित हुआ था प्रस्ताव

उन्होंने कहा, “मैंने खुद ये नियम एकतरफा तरीके से नहीं बनाया। इस पर व्यापक चर्चा हुई और फिर निर्णय लिया गया।” डब्ल्यूएफआई ने पिछले साल 25 अगस्त को रोहतक में अपनी आम सभा की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया था। जब बृजभूषण शरण सिंह से पूछा गया कि वह आईओए तदर्थ पैनल में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग की मौजूदगी के बारे में क्या सोचते हैं तो उन्होंने कुछ नहीं बोलने का फैसला किया।

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