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Kolkata High Court:भर्ती घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों पर नहीं कर सकते Fir, हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी – Fir Cannot Be Lodged Against Officers Probing Recruitment Scam, High Court’s Warning Necessary

सार

कोर्ट ने अपने आदेश को साफ करते हुए कहा कि जो अधिकारी पश्चिम बंगाल सरकार और सहायता प्राप्त स्कूलों में कर्मचारियों की भर्ती में हुए अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं, उनके खिलाफ बिना हाईकोर्ट की अनुमति के केस दर्ज नहीं किया जा सकता।

FIR cannot be lodged against officers probing recruitment scam, High Court's warning necessary

कलकत्ता हाईकोर्ट
– फोटो : Social Media

विस्तार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट का कहना है कि बिना हाईकोर्ट के आदेश के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। कोर्ट ने अपने आदेश को साफ करते हुए कहा कि जो अधिकारी पश्चिम बंगाल सरकार और सहायता प्राप्त स्कूलों में कर्मचारियों की भर्ती में हुए अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं, उनके खिलाफ बिना हाईकोर्ट की अनुमति के केस दर्ज नहीं किया जा सकता।

पढ़िए, पूरा मामला

भर्ती घोटाले के एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के ईडी और सीबीआई के जांच अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत में भर्ती घोटाले में एजेंट की तरह काम करने वाले कुंतल घोष ने पत्र दिया था, जिसमें आरोप था कि जांचकर्ता उसपर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने पत्र की जांच कराने की मांग की। साथ ही ईडी के वकील सम्राट गोस्वामी ने कहा कि 21 जनवरी को घोष एजेंसी की गिरफ्त में आया था। निचली अदालत के आदेश पर वह 14 दिनों की हिरासत में था। ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद से घोष न्यायिक हिरासत में है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने ईडी और सीबीआई को 20 अप्रैल तक अदालत के सामने रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

 

 

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