सरकार अगले छह महीनों में अमेरिका से लगभग 150 भारतीय कलाकृतियां वापस लाएगी। जी-20 की भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत संस्कृति कार्य समूह की तीसरी बैठक से पहले प्रेस संबोधित करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि भारत ने सभी देशों से 1970 की संधि पर व्यापक रूप से चर्चा की है।
उन्होंने कहा, ‘हम एक व्यापक सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन सभी जी-20 देशों को कम से कम इस संधि का हिस्सा बनाया जा सके और निश्चित रूप से, भारत को इस प्रक्रिया से बड़ा लाभ होगा।’ सांस्कृतिक संपत्ति के अवैध आयात, निर्यात और स्वामित्व के हस्तांतरण को रोकने के संबंध में 1970 की संधि के तहत सभी पक्षों से सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी को रोकने का आग्रह किया जाता है।
मोहन ने कहा कि द्विपक्षीय तौर पर भी भारत अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘यदि आपने हाल में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा का संयुक्त बयान देखा है, तो इसमें भारत और अमेरिका के बीच एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते का उल्लेख किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अगले तीन से छह महीनों में अमेरिका से लगभग 150 ऐसी कलाकृतियां मिलने की उम्मीद है।’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सांस्कृतिक संपत्ति की वापसी का मुद्दा द्विपक्षीय और जी-20 दोनों के माध्यम से जोर पकड़ रहा है। मोहन ने कहा, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस पूरी प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर हमारे बीच कुछ आम सहमति बनेगी।’ उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में अन्य देशों के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम ब्रिटेन को हमारे साथ इस तरह की समझ बनाने के लिए मनाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं। हम अब फ्रांस, इटली और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ भी इस बारे में बात करेंगे, जहां हम उनके संग्रहालयों में प्रदर्शित उन कलाकृतियों को वापस लाने का प्रयास करेंगे जो पिछले कई वर्षों में भारत से ले जाई गई हैं।’
अमेरिका द्वारा लौटाई जाने वाली 150 कलाकृतियों में न्यूयॉर्क के ‘मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ़ आर्ट’ (मेट) की कुछ कलाकृतियां भी शामिल हैं। भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत संस्कृति कार्य समूह की तीसरी बैठक रविवार को हम्पी में शुरू हुई और यह बैठक 12 जुलाई तक चलेगी।
गिनीज रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करेंगे लंबानी समुदाय के कारीगर
कर्नाटक के हम्पी के घुमंतू लंबानी समुदाय के करीब 450 कारीगर जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक में सबसे अधिक कढ़ाई बनाने का गिनीज रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव लिली पांडे ने कहा कि कारीगर 1,300 से अधिक पैच बनाने की कोशिश करेंगे, जिन्हें सोमवार को रिकॉर्ड के लिए प्रदर्शित किया जाएगा, जब बैठक में विचार-विमर्श शुरू होगा। उन्होंने कहा कि गिनीज रिकॉर्ड स्थापित करने से हाशिए पर पड़े समुदाय को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘एक बार जब आप विश्व रिकॉर्ड बना लेते हैं, एक बार जब आप यूनेस्को टैग प्राप्त कर लेते हैं, तो आप इसके बारे में बात करना शुरू कर देते हैं और इसे देखते हैं। इसलिए, यह वास्तव में इन महिलाओं को आजीविका की अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है और अधिक लोगों को ऐसे सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्यमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इसके अलावा, हम संस्कृति मंत्रिस्तरीय घोषणा की भाषा के संदर्भ में आम सहमति हासिल करने की कोशिश करेंगे। जिस पर अगले दो दिनों तक फोकस किया जाएगा।
भारत के जी-20 की अध्यक्षता में संस्कृति कार्य समूह की तीसरी बैठक रविवार को हम्पी में शुरू हुई और यह 12 जुलाई तक चलेगी। जी-20 के सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि विचार-विमर्श का हिस्सा होंगे। कर्नाटक के हम्पी में होने वाली कार्य समूह की तीसरी बैठक में सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला जाएगा।