बॉम्बे हाईकोर्ट:तलाक के बाद भी गुजारा भत्ता मांग सकती हैं मुस्लिम महिला, ससुराल के साथ महिला का था विवाद – Bombay High Court Said Muslim Woman Can Seek Alimony Even After Divorce Know The Whole Matter
बॉम्बे हाईकोर्ट
– फोटो : ANI
विस्तार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि मुस्लिम महिला तलाक के बाद भी गुजारा भत्ता मांग सकती है। जस्टिस जीए सनप ने गुजारा भत्ता बढ़ाने के सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ महिला के पति की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा, महिला वो स्टैंडर्ड बनाए रखने की हकदार, जैसा पति के साथ था।
महिला 2006 में अपने पति के साथ सऊदी अरब गई थी। महिला और उसके पति के रिश्तेदारों के बीच विवाद था। इसी विवाद के चलते उसके पति ने बुरा बर्ताव किया। 2012 में वह अपने पति और बच्चों के साथ भारत वापस आ गई। इसके बाद पति ने महिला को तलाक दे दिया लेकिन उसको कोई गुजारा भत्ता नहीं दिया। महिला ने मामले को लेकर मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट में अपील की। मजिस्ट्रेट ने महिला को 7,500 और बेटे को 2,500 मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया। इसके साथ ही 2,000 रुपये किराया और 50 हजार का मुआवजा देने भी कहा। हालांकि, दोनों पक्षों ने इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की। सेशन कोर्ट ने महिला का गुजारा भत्ता बढ़ाकर 16 हजार कर दिया। इसके खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
पति ने दिए ये तर्क
कोर्ट में पति ने तर्क दिया कि महिला ने घरेलू हिंसा का आरोप अलग होने के एक साल से ज्यादा समय बाद लगाया। तलाकशुदा मुस्लिम महिला होने के नाते वह मुस्लिम महिला एक्ट की धारा 4 और 5 के मुताबिक भरण-पोषण की हकदार नहीं है।