प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया कि कच्छ के लोग चक्रवात ‘बिपरजॉय’ से हुई तबाही से तेजी से बाहर निकलेंगे। उन्होंने भारत की आपदा प्रबंधन की ताकत की भी सराहना की। चक्रवात ने गुरुवार शाम को गुजरात के कच्छ तट पर जखाऊ के पास दस्तक दी, जिससे कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए और घरों को नुकसान पहुंचा।
चक्रवात ने गुजरात के आठ तटीय जिलों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। हालांकि, राज्य में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मोदी ने अपने रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ में कहा, चाहे वह सबसे बड़ा लक्ष्य हो, सबसे कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों की सामूहिक शक्ति हर चुनौती का समाधान प्रदान करती है।
उन्होंने कहा, ‘अभी दो-तीन दिन पहले हमने देखा कि देश के पश्चिमी हिस्से में कितना बड़ा चक्रवात आया… तेज हवाएं, भारी बारिश। चक्रवात बिपरजॉय ने कच्छ में काफी तबाही मचाई। लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस साहस और तैयारी के साथ इस तरह के खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है।’ उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन बाद कच्छ के लोग अपना नया साल आषाढ़ी बीज मनाने जा रहे हैं। यह भी एक संयोग है कि आषाढ़ी बीज को कच्छ में बारिश की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं कई सालों से कच्छ जा रहा हूं। मुझे वहां के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य भी मिला है और इस तरह मैं कच्छ के लोगों के उत्साह और धैर्य को अच्छी तरह से जानता हूं। दो दशक पहले कच्छा में विनाशकारी भूकंप आया था, आज वहीं जिला देश के सबसे तेजी से बढ़ते जिलों में से एक है। मोदी ने कहा, मुझे भरोसा है कि कच्छ के लोग चक्रवात बिपरजॉय से हुई तबाही से तेजी से बाहर निकलेंगे।
प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण न होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वह आज एक उदाहरण बन रही है। उन्होंने कहा, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का एक महत्वपूर्ण तरीका है- यानी प्रकृति का संरक्षण। इन दिनों मानसून के दौरान इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है।
इससे पहले आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि बिपरजॉय के गुजरात पहुंचने से पहले तीन दिनों के भीतर एक लाख से ज्यादा लोगों को आश्रय गृहों में पहुंचाया गया, जो राज्य व केंद्र के बीच अच्छे समन्वय व नुकसान को कम करने का संकेत देता है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात के नौ जिलों में राज्य और केंद्र के एक-एक मंत्री को तैयारियों की निगरानी के लिए तैनात किया गया। अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य ‘जीरो डेथ’ के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अपेक्षित प्रभावित क्षेत्र के दस किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकालना था। उन्होंने कहा, 0-5 किलोमीटर और 5-10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की संख्या की पहचान करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई थी। अकेले कच्छ जिले में 0-10 किलोमीटर के दायरे में 122 गांवों की पहचान की गई, जबकि 72 गांव 0-5 किलोमीटर के दायरे में आए।
अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्थिति का जायजा लिया और जो कार्रवाई की जानी चाहिए, उसका निर्देश दिया। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा, यह आपदा प्रबंधन का सबसे अच्छा उदाहरण है। पटेल ने 11 जून को मंत्रियों को तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुजरात के प्रत्येक जिले में भेजा था। अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने की तैयारियों में सीधे तौर पर शामिल होना चाहिए।