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Sarvashreshth Sarpanch:अमर उजाला का ‘सर्वश्रेष्ठ सरपंच’ एक खोज अभियान पूरा, लखनऊ में विजेता सरपंचों का सम्मान – Amar Ujala’s ‘sarvashreshth Sarpanch’ Search Campaign Completed, Winning Sarpanch Honored In Lucknow

अमर उजाला के ‘सर्वश्रेष्ठ सरपंच, यूपी का मंच’ कार्यक्रम में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने प्रदेशभर से आए 50 ग्राम प्रधानों का सम्मान किया। इस मौके पर चयनित नौ प्रधानों को बाइक भी दी गई। लखनऊ के हजरतगंज स्थित फॉर्च्यून पार्क बीबीडी होटल में 17 जून को अमर उजाला सर्वश्रेष्ठ सरपंच सम्मान समारोह का समापन हुआ।

इस सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों और गांवों से चुने गए 50 सरपंचों को सम्मानित करने के उद्देश्य से बुलाया गया था। साथ ही इस सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री माननीय आशीष सिंह पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। लखनऊ से अमर उजाला के रिजनल हेड ने माननीय मंत्री को पुष्प भेंटकर उनका स्वागत किया और कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। 

गांवों के विकास के बिना प्रदेश का विकास संभव नहीं  

प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि गांवों के विकास के बिना प्रदेश का विकास संभव नहीं हो सकता है। ग्राम प्रधान यानी सरपंच की कार्यशैली बदलने से गांवों का चहुंमुखी विकास हो रहा है। ये जल संरक्षण, विद्युतीकरण, शिक्षा, स्वच्छता, आरोग्य एवं पर्यावरण, कृषि, सुरक्षा एवं प्रबंध, डिजिटल ग्राम एवं गांवों के सर्वांगीण विकास को मुद्दा बनाकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन लोगों में कई ऐसे हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग, एमबीए, कृषि की उच्च शिक्षा ग्रहण की और नौकरी भी की। हालांकि, आज यह लोग नौकरी छोड़कर गांवों का विकास कर रहे हैं। गांव में ही स्वरोजगार उपलब्ध होने से अब ग्रामीण रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरपंचों ने जल संरक्षण एवं शिक्षा पर काम करके समाज को आइना दिखाने का काम किया है।  

क्या था इस अभियान का उद्देश्य  

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव के विकास में समर्पित रहने वाले सरपंचों को उनके नेक कार्यों के लिए सम्मानित करना था। इसके लिए अमर उजाला ने बजाज प्लेटिना के साथ मिलकर ‘सर्वश्रेष्ठ सरपंच’ एक खोज नाम इस मुहीम की शुरुआत की थी। इस मुहिम का मकसद उत्तर प्रदेश के गांवों काम करने वाले बेहतरीन सरपंच को खोजकर उन्हें उचित सम्मान दिलाना था, जिसके वो हकदार हैं। 

9 विजेता सरपंचों को मिला पुरस्कार 

इस सम्मान समारोह में अलग-अलग पुरस्कार श्रेणियों में सबसे अधिक लाइक हासिल करने वाले कुल नौ सरपंचों को सर्वश्रेष्ठ सरपंच के मुख्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंत्री ने अपने हाथों से नौ विजेता सरपंचों के साथ-साथ अन्य उपस्थित सरपंचों को प्रमाण पत्र देकर उनका सम्मान किया।

 

ये रहे विजेता सरपंच, जिन्हें मिली बाइक 

. शाहजहांपुर की ग्राम पंचायत रामापुर बरकतापुर की प्रधान शालिनी सिंह को जलसंरक्षण के लिए। 

. गोरखपुर के मंगलपुर भरोहिया के प्रधान राम चंद्र यादव को विद्युतीकरण के लिए। 

. मुजफ्फरनगर के कुतबी के विश्वेंद्र को शिक्षा में योगदान के लिए। 

. शाहजहांपुर के जमुई के बृजेश को स्वच्छता के लिए। 

. गोरखपुर के नारंग पट्टी के रामवृक्ष गौड़ को आरोग्य एवं पर्यावरण के लिए। 

. गोरखपुर के गगहा हाट बुजुर्ग के कमलेश चंद को कृषि क्रांति के लिए। 

. सुल्तानपुर के खारा के दिवय राज सिंह को सुरक्षा एवं प्रबंध के लिए। 

. शाहजहांपुर भटपुरा रसूलपुर के अनिल कुमार गुप्ता को डिजिटल ग्राम के लिए। 

. गोरखपुर छितौना खोराबाद के दिनेश यादव को सर्वांगीण विकास के लिए। 

सरपंचों को दिलाया गया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प 

प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में ग्राम प्रधान अहम भूमिका निभा सकते हैं। वर्तमान में जो गर्मी हो रही, उसका बड़ा कारण अंधाधुंध पेड़ों की कटाई है। उन्होंने आह्वान किया कि ग्राम प्रधान संकल्प लें कि वे गांव में दो पेड़ लगवाने के बाद ही एक को काटने की इजाजत देंगे। 

 

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