तमिलनाडु के विद्युत मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। डीएमके नेता इसे साजिश बता रहे हैं तो वहीं भाजपा नेता सेंथिल के अस्पताल में भर्ती होने को पार्टी का ड्रामा कह रहे हैं। एक दिन पहले सेंथिल को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां धनशोधन के एक मामले में उन्हें 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, बुधवार सुबह उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे फिलहाल आईसीयू में हैं।
डीएमके सांसद और एडवोकेट एनआर एलांगो ने मद्रास हाईकोर्ट में कहा कि तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में लिया है। हमें गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं है। ईडी ने गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है। एलांगो की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मामले को देखा जाएगा।
अस्पताल ने जारी किया मेडिकल बुलेटिन
तमिलनाडु सरकारी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, चेन्नई ने मेडिकल बुलेटिन जारी की। इसके मुताबिक, विद्युत मंत्री सेंथिल बालाजी का कोरोनरी एंजियोग्राफी कराया गया है। उन्हें जल्द से जल्द बाईपास सर्जरी कराने के लिए सलाह दी गई है।
आमने-सामने आए डीएमके-भाजपा
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नारायण थिरुपथी ने बुधवार को विद्युत मंत्री सेंथिल के भर्ती होने पर कहा कि यह एक ड्रामा है, जिसमें स्क्रीनप्ले भी है और डायलॉग्स भी हैं। वह एक कैबिनेट मंत्री है, जांच में सहयोग करना, उनका धर्म है, उनका कर्तव्य है। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए लोगों से पैसे लिए हैं। वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते। सेंथिल को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
राज्य के कानून मंत्री एस रघुपति भी बालाजी को देखने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बालाजी के घर पर घंटों चली ईडी की रेड पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। ईडी को इसका जवाब देना चाहिए। डीएमके सांसद और एडवोकेट एमआर एलानगो, स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन भी अस्पताल पहुंचे। यहां उदयनिधि ने कहा कि मामले में कानूनी मदद लेंगे। हम भाजपा सरकार की धमकी भरी राजनीति से डरने वाले नहीं हैं।
तमिलनाडु के मंत्री के परिसर पर क्यों पड़ी ईडी की रेड?
ईडी ने धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी। उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के खिलाफ कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ईडी को जांच की अनुमति दी थी, जिसके कुछ महीने बाद यह कार्रवाई की गई। ईडी ने धनशोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को चेन्नई, करूर और इरोड में बालाजी से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की है।