पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों से लगी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बलों को अवैध अतिक्रमण की जांच करने का निर्देश दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा है कि वे इस अभियान के क्षेत्र में ‘अवैध अतिक्रमण’ और संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें। सूत्रों ने यह भी कहा है कि सीमाई इलाकों में ऐसे अवैध अतिक्रमण करने वाले देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
इससे एक दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में कार्यरत आईपीएस अधिकारियों के ‘चिंतन शिविर’ के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। साथ ही कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि ‘चिंतन शिविर’ में शामिल बलों के शीर्ष अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ कमांडरों को अपने संबंधित क्षेत्रों में हो रहे किसी भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है। साथ ही अगर किसी संदिग्ध प्रतिष्ठान का पता चलता है, तो खुफिया ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को तुरंत सूचित करें।
जिला प्रशासन-पुलिस और स्थानीय खुफिया तंत्र को करें जागरुक
सूत्रों ने बताया, इसके अलावा शीर्ष अधिकारियोंको जिला प्रशासन, पुलिस और खुफिया तंत्र जैसे संबंधित राज्य के अधिकारियों को भी इन गतिविधियों के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। उनसे कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी भी देश विरोधी ढांचे या गतिविधि को जारी नहीं रहने दिया जाए। इसके अलावा चिंतन शिविर में एनएसजी के अलावा बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के अधिकारियों को इस मुद्दे पर निर्देशों का सख्त अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
आयुष्मान सीएपीएफ योजना पर जवानों के सुझाव लिए जाएं
गृहमंत्री शाह ने कहा था कि मोदी सरकार की आयुष्मान सीएपीएफ योजना हर जवान को आयुष्मान करने की योजना है। सभी सीएपीएफ को इस योजना को त्रुटिरहित बनाने के लिए जवानों से सुझाव लेने चाहिए। उन्होंने सीएपीएफ के सभी अस्पतालों में आम जनता के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर जवान को कम से कम 5 वृक्षों को अपना परिवार बनाना चाहिए, इससे पर्यावरण स्वच्छ होने के साथ-साथ जवानों के मन में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ेगी।
गैर-जनरल ड्यूटी के सभी पद भरे जाएं
उन्होंने कहा था कि इस वर्ष नवंबर तक सीएपीएफ के सभी निर्मित आवास आवंटित हो जाने चाहिए। उन्होंने भविष्य में बनने वाले सभी आवासों का ई-आवास पोर्टल के जरिये दो महीने में आवंटन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सीएपीएफ में गैर-जनरल ड्यूटी के सभी पद भरने को कहा और भर्ती प्रक्रिया में आ रही किसी भी अड़चन को एक महीने में दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जवानों में मिलेट्स के प्रति अभिरुचि पैदा करने के साथ-साथ खाने में कम से कम 30 प्रतिशत श्रीअन्न को शामिल किए जाने पर बल दिया।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
चिंतन शिविर में बलों से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे सीमा सुरक्षा, क्षमता निर्माण, कनिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन, पुलिस और जनता के बीच संबंध, सोशल मीडिया और विधि प्रवर्तन, केंद्र और राज्यों के विषय, मिशन भर्ती, आयुष्मान सीएपीएफ की निगरानी, प्रशिक्षण, सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल, अवसंरचना परियोजनाओं की निगरानी, कल्याण, अनुभव साझा करना और श्रेष्ठ परिपाटियों आदि पर चर्चा हुई। साथ ही खुले सत्र में अधिकारियों ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गृह मंत्री को सुझाव दिए।