असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को अपने मणिपुर समकक्ष एन बीरेन सिंह से मुलाकात की और राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष शुरू होने के एक महीने बाद भी छिटपुट हिंसा जारी है। सरमा इस बैठक के लिए आज सुबह गुवाहाटी से रवाना हुए।
सूत्रों ने बताया कि सभी पक्ष राज्य में जातीय हिंसा का समाधान ढूंढने के लिए काम कर रहे हैं। सरमा दिल्ली से एक संदेश लेकर आए हैं। जातीय हिंसा में 10 मई से 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। बैठक के बारे में मीडिया को सूचित करने के लिए कोई आधिकारिक ब्रीफिंग आयोजित नहीं की गई थी।
कुल 37,450 लोग वर्तमान में 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पहली बार झड़पें तीन मई को हुई थीं जब पर्वतीय जिलों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था। मणिपुर की आबादी में मैतई समुदाय की हिस्सेदारी करीब 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नगा और कुकी आबादी का 40 फीसदी हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
भाजपा विधायक के घर पर लगाया गया ड्रॉप बॉक्स
सुरक्षा बलों से छीने गए हथियारों को वापस करने के लिए इंफाल पूर्व से भाजपा विधायक एल सुसिंद्रो मैतई के घर पर एक ड्रॉप बॉक्स लगाया गया है। इसमें नाम उजागर नहीं किया जाएगा। उनके घर के बाहर एक ढके हुए शेड पर एक बड़ा पोस्टर लगा है, जिसमें अंग्रेजी और मैतई भाषा दोनों में लिखा है कि कृपया अपने छीने गए हथियारों को यहां डालें।
पीटीआई का एक रिपोर्टर जब वहां गया तो बॉक्स में कुछ ऑटोमैटिक राइफलें और गोला-बारूद सहित कुछ हथियार मौजूद थे। मई की शुरुआत में जब मणिपुर राज्य में जातीय हिंसा भड़की थी, तब पुलिस थानों से बड़ी संख्या में हथियार लूट लिए गए थे। तबसे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने लोगों से अपने हथियारों का आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
खरगे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अंखड चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।
खरगे ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की यह चुप्पी वहां के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी है। प्रधानमंत्री कम से कम शांति की अपील तो कर सकते थे। उन्होंने कहा,’नरेंद्र मोदी जी, 3 मई 2023 को सबसे पहले मणिपुर में हिंसा भड़की। केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य भेजने में आपको लगभग एक महीना लग गया। गृह मंत्री के जाने के आठ दिन बाद भी मणिपुर में हिंसा जारी है।
उन्होंने मांग की है कि सीमावर्ती राज्य में सामान्य स्थिति लाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं क्योंकि अन्यथा स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
नित्यानंद राय ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की मुस्तैदी का जायजा लिया
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शनिवार को बांग्लादेश के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मुस्तैदी का जायजा लिया और उसकी तैयारियों पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने सीमा पर अपराधों को नियंत्रित करने के बीएसएफ के प्रयासों की भी सराहना की।
आधिकारिक तौर पर जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि राय ने शहर के बाहरी इलाके पटगांव में स्थित बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान इंस्पेक्टर जनरल, बीएसएफ, गुवाहाटी फ्रंटियर दिनेश कुमार यादव ने उन्हें मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य, सीमा पर पेश आने वाली चुनौतियों और तस्करी व अवैध आप्रवासन जैसी समस्याओं के बारे बताया और उन्हें नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इससे गृह राज्य मंत्री संतुष्ट नजर आए।