हादसे की दर्दनाक दास्तां:’सीने पर फुटबॉल की तरह आकर गिरा था सिर’; चश्मदीद बोला- गले से नहीं उतर रहा निवाला – Balasore Train Accident Survivor Says Severed Head Landed On My Chest
ओडिशा ट्रेन हादसा।
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पिछले सप्ताह ओडिशा के बालासोर में हुए भयावह हादसे के बाद अब उसके पीड़ितों की दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं। दिल दहला देने वाले हादसे में किसी का पूरा परिवार ही तबाह हो गया तो कहीं अब भी कोई अपनों का इंतजार कर रहा है। हादसे में जिंदा बचे लोगों का वो आंखों देखा मंजर भी रौंगटे खड़े कर देने वाला है। बता दें कि इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो गई है।
अभी भी सदमे में है रूपक दास
ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुई रेल दुर्घटना के बाद असम के 27 साल के रूपक दास अभी भी सदमे में है। इस हादसे का उनपर इतना गहरा असर हुआ है कि वे कुछ खा नहीं पा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, सोनितपुर जिले के उत्तर मराल गांव के रूपक दास को असम सरकार द्वारा सोमवार रात बालासोर से गुवाहाटी रेफर किया गया था। जहां उनका इलाज गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में चल रहा है।
मालगाड़ी पर चढ़ा था इंजन
हादसे को लेकर जब दास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो मंजर बेहद खौफनाक था। उन्होंने बताया कि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की आपातकालीन खिड़की से एक कटा हुआ सिर फुटबॉल की तरह लुढ़क कर मेरे सीने पर आ गिरा था। दास ने कहा कि जब यह घटना हुई तो मैंने अचानक एक जोर की आवाज सुनी। मुझे लगा था कि ट्रेन पटरी से उतर गई है। मैंने खिड़की से बाहर देखा तो मालगाड़ी के ऊपर इंजन चढ़ा हुआ दिखा।