मणिपुर में हिंसा लगातार जारी है। छह जून की रात सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों में गोलीबारी हो गई। सुगनू इलाके में हुए गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान की जान चली गई। इसके अलावा असम राइफल्स के दो जवानों को भी गोलियां लगी है। भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने बताया कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी का बेहतर जवाब दिया है। असम राइफल्स के जवानों को इलाज के लिए मंत्रीपखुरी भेजा गया है। इलाके में बाकी टीम फायरिंग में शामिल आरोपियों की सर्चिंग कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ जवान रंजीत यादव गोलीबारी में घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए काकचिंग के जीवन ज्योती अस्पताल लेकर गए थे, जहां उनकी मौत हो गई
लगातार दो दिनों से जारी है गोलीबारी
पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों के काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के. रंजीत के घर समेत 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले किए जाने से ग्रामीण गुस्से में हैं। पिछले दो दिन से उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हो रही है। आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल समेत राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाजरेथ कैंप में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसके बाद उग्रवादी अपना कैंप छोड़कर भाग गए। ग्रामीणों ने बाद में रविवार रात कैंप को आग लगा दी। इसमें नए भर्ती कुकी उग्रवादियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। रविवार को पश्चिमी इंफाल के फायेंग से भी गोलीबारी की खबर मिली थी, जबकि कुकी उग्रवादियों ने एक चीरघर में आग लगा दी थी।
छह महीने में सौंपनी होगी रिपोर्ट
हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। दल में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रभाकर अलोका शामिल है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा जांच दल का नेतृत्व करेंगे। केंद्र ने दल की पहली बैठक के बाद अधिकतम छह माह में जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, हिंसा के कारण और कैसे हिंसा पूरे राज्य में फैली इसकी जानकारी जांच रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा है।
इंटरनेट पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद तीन मई से राज्य में अनिश्चितकालीन इंटरनेट पर रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता वकील चोंगथम विक्टर सिंह और व्यवसायी मायेंगबाम जेम्स ने कहा है कि स्थिति के स्पष्ट सुधार के बावजूद राज्य सरकार ने राज्यव्यापी इंटरनेट बंद करने के आदेश बार-बार जारी किए हैं। इससे लोग न केवल भय, चिंता, लाचारी का अनुभव कर रहे हैं, बल्कि अपने प्रियजनों से संवाद करने में भी असमर्थ हैं।