Odisha Train Accident:भीषण हादसे से मंत्रालय-रेलवे बोर्ड के अफसरों की उड़ी नींद, रेल सुरक्षा पर उठे कई सवाल – Odisha Train Accident Questions On Train Safety Ashwini Vaishnaw Railway Board Officials May Take Seriously
ओडिशा रेल हादसा
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ओडिशा के बालासोर में ट्रंक रूट पर हुए इतने भीषण और ऐतिहासिक ट्रेन हादसे ने रेल मंत्रालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक के आला अफसरों की नींद उड़ा रखी है। इस हादसे को लेकर हड़बड़ी, बेबसी और हड़कंप जैसी स्थिति साफ देखी जा सकती है। तीन जून को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखानी थी। रेल मंत्रालय का पूरा अमला इसकी तैयारी में लगा था, लेकिन दर्दनाक हादसे के कारण इस कार्यक्रम को टाल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बालासोर जाकर खुद घटना स्थल का मुआयना किया। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत आला अधिकारी इस ट्रेन हादसे में हुई कोताही के लिए जिम्मेदार को तलाशने में जुटे हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनके मंत्रालय के आला अफसर इस घटना से कोई बड़ा सबक लेंगे?
अभी रेलवे का कोई बड़ा अफसर इस मामले में कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। रेलवे बोर्ड के एक पूर्व चेयरमैन का कहना है कि सुरक्षा पर काफी पैसा खर्च हो रहा है। फिर भी इतनी भयानक दुर्घटना हो गई। यह आपने आप में बड़ा सवाल है। सूत्र का कहना है कि ट्रंक रूट पर तीन ट्रेनों का इस तरह से टकराना चिंता का करण है। जांच होने दीजिए। रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अश्विनी लोहानी भी फिलहाल इसपर कुछ कहने से बच रहे हैं।
रेल मंत्रालय की प्राथमिकता क्या सिर्फ ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ है?
15 फरवरी, 2019 को दिल्ली से वाराणसी के बीच में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चली थी। इस समय 18 रूट पर 22 राज्यों की सीमा से होकर गुजरने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की 36 सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। तीन जून को प्रधानमंत्री मोदी गोवा से मुंबई के बीच में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने वाले थे। दो अन्य रूट पर अंडर ट्रायल और डेवलपमेंट का काम चल रहा है। इसे देखकर यही कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय वंदे भारत एक्सप्रेस के माध्यम से 2024 के आम चुनाव के लिए मिशन मोड में जुटा हुआ है।