राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) एक ऐसी सरकारी संस्था है, जिसका कार्य देश में अच्छे सिनेमा के निर्माण को बढ़ावा देना और सिनेमा के व्यवसाय को व्यवस्थित करना है। अब तक एनएफडीसी के सहयोग से करीब तीन सौ फिल्मों का निर्माण हो चुका है। एनएफडीसी के ही सहयोग से बनी एक और फिल्म ‘चिड़ियाखाना’ इस हफ्ते सिनेमा हॉल में रिलीज हो रही है। इस फिल्म के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि महानगरों में बच्चों के खेल के मैदान को सुरक्षित रख कर कैसे खेलों के प्रति उन्हें जागरूक किया जाए। आइए जानते हैं इस फिल्म से पहले बनी एनएफडीसी की पांच फिल्मों के बारे में…
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फिल्म: अंग्रेजी में कहते हैं (18 मई 2018)
फिल्म ‘अंग्रेजी में कहते हैं’ कि कहानी अभिनेता संजय मिश्रा के किरदार यशवंत बत्रा के इर्द गिर्द घूमती है। यशवंत बत्रा का मानना है कि शादी शुदा जिंदगी में प्यार का इजहार करना जरूरी नहीं है। उसकी इस सोच की वजह से उसकी पत्नी से अलगाव हो जाता है। फिर उसे अपनी गलती का कैसे अहसास होता है और अपनी पत्नी की भावनाओं को समझता है। इसी बनते बिगड़ते रिश्तों को फिल्म में भावनात्मक तरीके से पेश किया गया था । हरीश व्यास के निर्देशन में बनी इस फिल्म में संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, बृजेंद्र काला, अंशुमन झा और शिवानी रघुवंशी की मुख्य भूमिकाएं थी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले फिल्म समारोहों में फिल्म की खूब तारीफ हुई। लेकिन, जब यह फिल्म रिलीज हुई तो इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सिर्फ 25 लाख रुपये रहा। फिल्म का बजट एक करोड़ रुपये बताया जाता है।
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फिल्म: चौरंगा (8 जनवरी 2016)
फिल्म ‘चौरंगा’ की कहानी एक गांव के दलित और ब्राह्मण परिवार के इर्द गिर्द घूमती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि गांव में दलितों का शोषण कैसे होता है? एनएफडीसी की इस फिल्म को लॉस एंजिल्स में होने वाले 13वें भारतीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ग्रैंड जूरी अवार्ड मिला था। मुंबई फिल्म फेस्टिवल में भी भी इस फिल्म को साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म अवॉर्ड मिला। गोवा और गोटेबोर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी इस फिल्म को खूब सराहा किया गया। फिल्म का निर्देशन विकास रंजन मिश्रा ने किया जिनकी दूसरी फिल्म अब तक शुरू नहीं हो पाई है। फिल्म के सह निर्माता ओनीर और संजय सूरी थे। फिल्म में संजय सूरी ने अभिनय भी किया। उनके साथ तनिष्ठा चटर्जी और सोहम मैत्रा की मुख्य भूमिकाएं थी। करीब आठ करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सिर्फ 10 लाख रुपये रहा है।
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फिल्म: मांझी द माउंटेन मैन (21 अगस्त 2015)
एनएफडीसी और वायकॉम 18 ने मिलकर निर्देशक केतन मेहता की फिल्म ‘मांझी- द माउंटेन मैन’ का निर्माण किया था। फिल्म की कहानी बिहार के दशरथ मांझी की थी, जिसमे पहाड़ को तोड़कर रास्ता बना दिया था। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दशरथ मांझी की भूमिका निभाई थी। फिल्म में राधिका आप्टे, उर्मिला महंत और तिग्मांशु धूलिया मुख्य भूमिकाएं थी। बिहार सरकार ने इस फिल्म को टैक्स फ्री भी किया लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं निकाल पाई। 18 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मह 12.53 करोड़ रुपये रहा।
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फिल्म: मंजुनाथ (9 मई 2014)
एनएफडीसी की फिल्म ‘मंजुनाथ’ एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म थी। यह फिल्म तेल माफियाओं का पर्दाफाश करती है जिसने एक आईआईटी के एक पूर्व छात्र की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। संदीप वर्मा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दिव्या दत्ता, सीमा बिस्वास, यशपाल शर्मा, किशोर कदम, सशो सत्यीश सारथी और राजेश खट्टर की मुख्य भूमिकाएं थी। वायकॉम 18 ने इस फिल्म को रिलीज किया था। इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन एक करोड़ रुपये रहा है और फिल्म का बजट तीन करोड़ रुपये बताया जाता है।
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