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India:ब्रह्मोस-सुखोई के साझा परीक्षण से सेना को मिली शक्ति, Iaf चीफ बोले- हमारी सैन्य शक्तियों का विकास हुआ – Indian Army Got Power From The Combination Of Brahmos And Sukhoi Iaf Chief Said Our Military Powers Developed

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भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना ने मिलकर मंगलवार को एक नया इतिहास रच दिया। दोनों सेनाओं के प्रयास से भारत की सुरक्षा अब और पुख्ता हो गई है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बताया कि सुखोई एसयू-30 और ब्रह्मोस मिसाइल के संयोजन से हमें बेहतरीन क्षमता मिली है। इस वजह से हमारी मारक क्षमता भी अब बढ़ गई है। 

सटीक मारक क्षमता विकसित करेंगे

वायुसेना प्रमुख चौधरी ने बताया कि भारत के उत्तरी सीमाओं में तीन साल पहले काफी तनाव बढ़ गया था। हमने स्थिति का जायजा लिया तो हमें महसूस हुआ कि भविष्य में अगर जमीनी हमलों की मारक क्षमता को बढ़ाना है तो हमें शक्तिशाली हथियारों का इस्तेमाल करना होगा। हम ब्रह्मोस सहित अन्य मिसाइलों को मिग-2, मिराज-2000 और एलसीए सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर फिट कर सकते हैं, जो दुश्मनों के लिए काफी घातक सिद्ध होगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आगे कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के रूप में भारतीय वायुसेना को एक खतरनाक और लड़ाकू हथियार मिला है। भविष्य में हम ऐसी तकनीक विकसित करेंगे, जिससे हमारी मारक क्षमता सटीक एकदम हो। विश्व भर में बढ़ रहे संघर्षों को देखते हुए सटीकता, लंबी दूरी की मारक क्षमता का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। 

सीडीएस ने बताया क्या है आत्मनिर्भर भारत का मतलब

तीनों सेनाओं के प्रमुख सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया कि आत्मनिर्भरता का मतलब यह नहीं है कि हम हर चीज का इस्तेमाल भारत में ही करें। आत्मनिर्भर भारत के तहत दूसरे देशों की तनकीक के साथ वेंचर स्थापित किया जाता है। हम भी ज्वाइंट वेंचर स्थापित करने वाले हैं और ब्रह्मोस एयरोस्पेस ऐसा ही एक वेंचर हैं। ब्रह्मोस असल में अपने समय का ब्रह्मास्त्र है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बताया कि देश में आज ढेरों परिवर्तन हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय परिवेशों में हमारा कद बढ़ता जा रहा है। विश्व आज उम्मीदों से हमारी ओर देख रहा है। सीमा विवादों और सुरक्षा चुनौति

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