Dynasty Politics:विरासत पर ‘सियासत’ भारी! कई राजनीतिक घरानों में बनी टूट का कारण – Dynasty Politics Ambition Caused Rebellion Example In India Anil Antony Menka Gandhi Aparna Yadav
अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हुए
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भारतीय राजनीति में परिवारवाद एक बड़ा मुद्दा है। अक्सर राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती रहती हैं। हालांकि भारतीय राजनीति में ऐसे नेताओं की भी फेहरिस्त लंबी है, जिन्हें सियासत, विरासत में मिली लेकिन उन्होंने अपनी महत्वकांक्षाओं के चलते दूसरी सियासी पार्टियों का दामन थाम लिया। इस फेहरिस्त में नया नाम वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी का जुड़ गया है।
अनिल एंटनी फेहरिस्त में नया नाम
बता दें कि अनिल एंटनी ने बीती छह अप्रैल को कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। एके एंटनी कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े हैं और पांच बार विधायक बने और राज्यसभा सांसद रहे। केंद्र सरकार में तीन बार केंद्रीय मंत्री रहे और केरल के तीन बार मुख्यमंत्री भी चुने गए। इतने शानदार राजनीतिक करियर के बावजूद एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। हालांकि अनिल एंटनी अपने फैसले का बचाव करते हुए कहते हैं कि यह उनके लिए भी कठिन फैसला था लेकिन कांग्रेस इन दिनों तबाही के रास्ते पर चल पड़ी है। जिसकी वजह से उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
ये नेता भी शामिल
महाराष्ट्र की राजनीति में सुभाष देसाई को उद्धव ठाकरे परिवार का करीबी माना जाता है। हालांकि सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं। सुभाष देसाई का कहना है कि भले ही बेटे ने पाला बदल लिया है लेकिन उनकी निष्ठा शिवसेना, मातोश्री और दिवंगत बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के प्रति ही रहेगी।