उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में आज मुंबई पुलिस की एसआईटी ने 733 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।
खबर के अनुसार, चार्जशीट में अनिल जयसिंघानी, उनकी बेटी अनीक्षा और उनके चचेरे भाई निर्मल को आरोपी बनाया गया है। वहीं, 13 गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं
दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल पुलिस स्टेशन ने 20 फरवरी को जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अमृता फडणवीस को कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी दी और जबरन वसूली की कोशिश की।
दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120 बी (आपराधिक साजिश) और 385 (जबरन वसूली) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 8 (भ्रष्ट साधनों का उपयोग करके लोक सेवक को प्रेरित करना) और 12 (उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अनिक्षा को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद सत्र अदालत ने मामले में 27 मार्च को उसे जमानत दे दी थी।
अनिल जयसिंघानी को गुजरात में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। जयसिंघानी ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें मामले में 19 मार्च को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया और कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर कोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया गया।
जयसिंघानी के वकील मृगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को जस्टिस ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया कि जयसिंघानी को गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की अदालत में पेश किया गया। सिंह ने आरोप लगाया कि मामले में हर चीज की निगरानी शिकायतकर्ता के पति द्वारा की जा रही है जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं।
महाराष्ट्र सरकार के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि पुलिस ने सभी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन किया है और जयसिंघानी को रिमांड पर लेने लिए कोर्ट के समक्ष पेश करने में कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 19 मार्च को जयसिंघानी को अपने कब्जे में ले लिया था और वे उसे मुंबई में कोर्ट में पेश करना चाहते थे।
सराफ ने बताया कि गिरफ्तारी ज्ञापन के अनुसार जयसिंघानी को 20 मार्च को शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया और 5 मार्च को सत्र अदालत में पेश किया गया।