The Kerala Story:‘लव जिहाद’ के 26 पीड़ितों की मीडिया के सामने परेड, निर्माता ने सौंपा 51 लाख रुपये का चेक – The Kerala Story 26 Victims Of Love Jihad March In Front Media Producer Handed Over A Check Of Rs 51 Lakh Read

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ राजनीतिक दलों का दावा है कि इस फिल्म के जरिए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाई जा रहा है। तो वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने केरल की 32 हजार महिलाओं को इस्लाम में शामिल किए जाने व उन्हें आईएसआईएस में भर्ती किए जाने के फिल्म निर्माताओं के दावे पर सवाल उठाया। बुधवार को ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने मुंबई में 26 ऐसे पीड़ितों को मीडिया के सामने पेश किया जिन्हें कथित तौर पर आईएसआईएस में भर्ती करने के लिए प्रेरित किया गया था। इस मौके पर फिल्म के निर्माता ने मुस्लिम धर्म अपनाने वालों को वापस सनातन धर्म में लाने का कार्य कर रही एक संस्था को 51 लाख रुपये की सहयोग राशि का चेक भी सौंपा।
मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने कहा, ‘हमारी फिल्म को प्रोपेगेंडा कहा गया, दर्शकों ने उन्हें इसका जवाब दिया है। इन आरोपों के बावजूद हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमने जो कुछ भी कहा है वह सच है। फिल्म का जो होना है वह तो होगा ही,लेकिन हमारा उद्देश्य अब बेटियों को बचाना है। हमने अपनी फिल्म में तीन महिला पात्रों के जरिए 32 हजार महिलाओं की कहानी सुनाई। लोगों ने इस संख्या को लेकर हमें बदनाम करने की कोशिश की। हमारा कहना यही रहा है कि फिल्म की तीन मुख्य महिला पात्रों के माध्यम से हम 32 हजार युवतियों की कहानी दिखा रहे हैं।’
इस मौके पर फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा, ‘फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के जरिए किसी जाति और धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ बात की गई है। आतंकवाद की कोई जाति और धर्म नहीं होता है।’ फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में सुदीप्तो सेन की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘हर फिल्म में कोई न कोई विलेन अलग जाति और धर्म का होता है, इसका मतलब यह नहीं होता कि उस जाति और धर्म के सभी लोग विलेन है। शोले में गब्बर सिंह विलेन था, इसका मतलब यह नहीं हुआ कि पूरा सिंह समुदाय ही विलेन हो गया।’
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘आतंकवाद सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। लेकिन दूसरे देशों में आतंकवाद के खिलाफ विपक्ष और सत्ता पक्ष एक साथ हैं। दुर्भाग्य से हमारे देश में कहा तो जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता लेकिन जब बात केरल की आती है तो तुरंत ही लोग धर्म की बात करने लगते हैं। मुझे लगता है कि इस फिल्म ने वास्तव में इस्लाम धर्म के लोगों की सेवा की है क्योंकि इस धर्म का दुरुपयोग हो रहा है। हर देशभक्त भारतीय को यह जानने के लिए फिल्म देखनी चाहिए कि हम खतरे में हैं।’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्माता विपुल अमृतलाल शाह, निर्देशक सुदीप्तो सेन के अलावा फिल्म की मुख्य अदाकारा अदा शर्मा के साथ योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धि इदनानी भी मौजूद थीं। केरल के आर्य विद्या समाज की 26 लड़किया भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपस्थित रही, जो धर्मांतरण के बाद आर्य समाज में वापस आईं हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह से उनका ब्रेनवॉश करके धर्मांतरण करवाया गया। दावा किया गया कि अब तक सात हजार लोगों की धर्मांतरण के बाद वापसी हो चुकी है जिसमे लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।