हिंदी फिल्म जगत में कभी धक धक गर्ल के नाम से मशहूर रहीं अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के लिए ओटीटी ने अभिनय के नए मौके खोले हैं। फिल्मों में भी उनकी पकड़ दूसरी पारी में ठीक ठाक ही रही लेकिन अपनी जिन फिल्मों से वह बीते 35 साल से अपने प्रशंसकों के दिलों पर राज कर रही हैं, उन कमाल की फिल्मों में से खास 10 फिल्में हम आपके लिए तलाश लाए हैं। इंटरनेट मूवी डाटा बेस यानी आईएमडीबी पर उनके प्रशंसकों ने इन्हें माधुरी की बेहतरीन फिल्में माना है। माधुरी के जन्मदिन पर आइए जानते हैं इन 10 दमदार किरदारों वाली फिल्मों के बारे में…
प्रहार: द फाइनल अटैक
साल 1991 में नाना पाटेकर के निर्देशन में एक फिल्म आई ‘प्रहार: द फाइनल अटैक’। फिल्म में मुख्य भुमिका में माधुरी दीक्षित के अलावा मकरंद देशपांडे, नाना पाटेकर, डिंपल कपाड़िया और गौतम जोगलेकर देखने तो मिले। यह फिल्म माधुरी की शुरुआती फिल्मों में से एक है। नाना पाटेकर की प्रेमिका और मंगेतर के छोटे से किरदार में माधुरी बहुत ही खूबसूरती से अपने अभिनय का प्रदर्शन करती हैं।
साजन
साल 1991 में ही आई फिल्म ‘साजन’ का निर्देशन लॉरेंस डिसूजा ने किया है। यह फिल्म माधुरी के नायब किरदारों में से एक के लिए गिनी जाती है। फिल्म की प्रमुख भूमिका में माधुरी के साथ सलमान खान और संजय दत्त देखने को मिलते हैं। पूजा के किरदार में माधुरी ने बहुत ही खूबसूरत अभिनय किया है। इस फिल्म के ‘देखा है पहली बार’ से लेकर ‘तू शायर है मैं तेरी शायरी’ तक सभी गाने आज भी अमर हैं।
खलनायक
दिग्गज निर्माता, निर्देशक सुभाष घई के साथ माधुरी दीक्षित की फिल्म ‘खलनायक’ 1993 में रिलीज हुई। फिल्म में माधुरी और संजय दत्त की नजदीकियां देखने लायक हैं। ‘खलनायक’ 1992 की सबसे कमाऊ फिल्म सबित हुई थी। फिल्म का गाना ‘नायक नहीं खलनायक है तू’ लोगों के जबान पर यूं बैठा कि ‘खलनायक’ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया। और, इसी फिल्म के गाने ‘चोली के पीछे क्या है’ ने तो माधुरी के प्रशंसकों को उनका दीवाना बना दिया। इस फिल्म के लिए माधुरी बेस्ट एक्टर फीमेल का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
धारावी
हिंदी फिल्म जगत के बागी निर्देशक सुधीर मिश्रा ने साल 1993 ‘धारावी’ नाम की फिल्म बनाई । इस फिल्म में माधुरी के साथ अनिल कपूर, शबाना आजमी और ओम पुरी जैसे दिग्गज अभिनेता देखने को मिलते हैं। फिल्म एक टैक्सी चालक की कहानी पर केंद्रित है। जो अपने सपनों को पूरा करने और धारावी जैसी झुग्गी से निकलने का हर संभव प्रयास करता है। इस फिल्म में माधुरी एक सहायक भूमिका में हैं लेकिन इस छोटे से किरदार में भी उन्होंने पूरी जान डाल दी है। फिल्म को कई विश्वस्तरीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाए जाने के बाद भारत में रिलीज किया गया था। इस फिल्म को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया।