Book:राष्ट्रपति चुनाव के ऑब्जर्वर के तौर पर पहली बार अमेरिका गए थे वाजपेयी, नेहरू ने भी निभाई थी ये भूमिका – Vajpayee: The Ascent Of The Hindu Right Reveals The Facts About Vajpayee’s First America Journey
अटल बिहारी वाजपेयी
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित एक पुस्तक में दावा किया गया है कि 1960 में अमेरिका की अपनी पहली यात्रा के दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में तैनात एक युवा आईएफएस अधिकारी से दोस्ती की थी। उनके साथ ही वाजपेयी ने न्यूयॉर्क की यात्रा की और संग्रहालयों, कला दीर्घाओं और यहां तक कि नाइटक्लबों का भी दौरा किया। वाजपेयी अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर जॉन एफ कैनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पर्यवेक्षक बनने के लिए अमेरिका गए थे। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से चुने गए प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे।
जॉन एफ कैनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पर्यवेक्षक बनने के लिए वाजपेयी अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर अमेरिका गए थे। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से चुने गए प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे। अभिषेक चौधरी ने अपने दो खंडों के संस्मरण ‘वाजपेयी : द एसेंट ऑफ द हिंदू राइट’ में लिखा है कि 25 सितंबर, 1960 की सुबह वाजपेयी अपनी पहली विदेश यात्रा पर वाशिंगटन डीसी के लिए विमान में सवार हुए थे।
संस्मरण के अनुसार, ‘अमेरिकी सरकार की ओर से उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान के दौरान पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहने का निमंत्रण मिला था। वहीं, ऑर्गेनाइजर’ में बताया गया था कि उन्हें ‘रेलवे श्रमिकों के कल्याण में उनकी विशेष रुचि’ के लिए भी आमंत्रित किया गया था। मुखपत्र में वाजपेयी की यात्रा के लिए एक और, शायद अधिक महत्वपूर्ण कारण का उल्लेख नहीं किया गया था। वह कारण था कि नेहरू ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों की सूची में शामिल किया था। लेखक के अनुसार, न्यूयॉर्क में अपने अधिकांश प्रवास के दौरान वाजपेयी आईएफएस अधिकारी महाराजाकृष्ण रसगोत्रा के साथ थे।