कमाल के कलाकार मनोज बाजपेयी के साथ फिल्म ‘दिल पे मत ले यार’ और उसके पहले फिल्म ‘जयते’ बनाने वाले निर्देशक हंसल मेहता ने माना है कि उन्होंने अपनी पहली फिल्म बनाने में बहुत जल्दी कर दी। यह स्वीकारोक्ति हंसल ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के आयोजन फ्रेम्स 2023 के पहले दिन के सत्र ‘सिनेमा का जादू’ के दौरान की। इस सत्र आयोजन में सुधीर मिश्रा, श्रीराम राघवन और अभिषेक चौबे जैसे निर्देशक भी शामिल थे।
फिल्म इंडस्ट्री में अपने निर्देशक दोस्तों के बारे में हंसल मेहता ने कहा, ‘फिल्मों का व्यवसाय तभी चलता है जब निर्देशक एक दूसरे की मदद करते हैं। हम निर्देशकों को एक दूसरे के लिए अच्छे बुरे समय में एक साथ खड़ा होना बेहद जरूरी है। फिल्म जगत में ‘बॉलीवुड’ जैसा कुछ भी नहीं है। जो है वह ये है कि हमारे बीच एक दूसरे के लिए बहुत सारी इज्जत और प्रेम है। हम निर्देशक एक दूसरे की हिम्मत बनते हैं, कठिन समय में सामने वाले का हौसला बढ़ाते हैं, और अच्छा काम देख कर सामने वाले से सीखते हैं।’
हंसल ने कहा, ‘एक समय था जब मैंने ‘मकबूल’ देख कर विशाल भरद्वाज को फोन मिला दिया और कहा कि काश मैंने अपनी पहली फिल्म ‘मकबूल’ देखने के बाद बनाई होती। अगर ऐसा होता तो मैंने इस फिल्म से काफी कुछ सीखा होता और अपनी पहली फिल्म को और बेहतर बना पाता। दरअसल मैंने अपनी फिल्म बनाने में बहुत जल्दी कर दी थी।’
इसके बाद हंसल मेहता ने वेब सीरीज ‘जुबली’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘इसे देखने के बाद मैंने इसके निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी को संदेश भेजकर पूछा कि मैं तुम्हारे जैसा बनने के लिए क्या कर सकता हूं? मेरे हिसाब से यही इंडस्ट्री की खूबसूरती है। मुझे इस इंडस्ट्री में तीस साल हो गए और हर दिन मेरी लिस्ट में नए लोग बढ़ रहे हैं। क्योंकि इंडस्ट्री में निर्देशक एक दूसरे का पीठ थपथपाते हैं, एक दूसरे को गले लगाते हैं।’
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निर्देशक अभिषेक चौबे ने इस दौरान अपनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ (2016) का जिक्र किया. यह फिल्म रिलीज होने से पहले कई तरह के विवादों में फंस गई थी। अभिषेक ने कहा, ‘मैं हमेशा फिल्म इंडस्ट्री से कटा हुआ रहता हूं। मैं फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा व्यक्ति हूं जो इस इंडस्ट्री में अपना लो प्रोफाइल बनाए रखता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अलग हूं। दरअसल यहां के भाइचारे का और प्रेम का मुझे तब पता चला जब ‘उड़ता पंजाब’ के समय मेरे साथ इतने सारे निर्माता और निर्देशक खड़े हो गए। तब मुझे समझ आया कि इंडस्ट्री कैसे काम करती है।’
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