Asian Games:कोनेरू हंपी का एशियाई खेलों में खेलना मुश्किल, कोरोना के डर से वापस ले सकती हैं नाम – It Is Difficult For Koneru Humpy To Play In Asian Games, May Withdraw Due To Fear Of Corona
कोनेरू हंपी
– फोटो : ट्विटर
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शतरंज की सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय संस्था फिडे के झंडे तले खेल रहीं रूस की एलेक्जेंड्रा गोर्याकचिना ने नाटकीय अंदाज में फिडे महिला शतरंज ग्रांप्री का खिताब जीत लिया। उनके, कजाखस्तान के बिबिसारा असौबायेव और चीन की झू जिनर के समान छह अंक थे, लेकिन टाईब्रेकर में एलेक्जेंड्रा ने बाजी मारी। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष डॉ. संजय कपूर ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।
हरिका आठवें स्थान पर रहीं
भारत की कोनेरू हंपी के साढ़े पांच अंक रहे। वह छठे स्थान पर रहीं। हरिका द्रोणावल्ली 4.5 अंकों के साथ आठवें स्थान पर और आर वैशाली 3 अंकों के साथ दसवें स्थान पर रहीं। बिबिसारा ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक चार जीत हासिल कीं। संजय कपूर ने कहा कि इस तरह के टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए एआईसीएफ फिडे के समक्ष आवेदन करेगा।
जून में एशियाई खेलों में खेलने का फैसला लेंगी हंपी
वहीं 36 वर्षीय कोनेरू हंपी ने कहा कि वह इस साल चीन के हांगझोऊ में होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए अभी आश्वस्त नहीं हैं। चीन में कोविड को स्थिति को लेकर वह फैसला नहीं पाई हैं। इस साल जून में वह फैसला लेंगी कि उन्हें एशियाई खेलों में खेलना है या नहीं। 2010 के बाद पहली एशियाई खेलों में शतरंज को शामिल किया गया है।