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Eros Theatre: मुंबई के ऐतिहासिक सिनेमाघर को तोड़े जाने का ये है असली सच, पूरी खबर पढ़कर खुशी से झूम उठेंगे – Eros Cinema Will Not Be Demolished Mumbai Heritage Conservation Committee Approves Revival Proposal

मुंबई में बनी ऑर्ट डिकोर शैली की इमारतों में सबसे प्रमुख स्थान रखने वाले इरॉस सिनेमाघर को तोड़े जाने की ‘खबरें’ इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। चर्चित निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और स्टैंड अप कॉमेडियन वीर दास जैसे लोगों ने इस पर दुख जाहिर करते हुए इसे बचाए जाने की बात भी कही। इऱॉस सिनेमाघर न सिर्फ मुंबई के आम लोगों के लिए बल्कि सिनेप्रेमियों के लिए किसी ‘तीर्थस्थल’ की तरह रहा है। इस बारे में जब ‘अमर उजाला’ ने तफ्तीश की तो हकीकत कुछ और ही सामने आई है।



मरीन ड्राइव के बिल्कुल करीब चर्चगेट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने महर्षि कर्वे रोड और जमशेदजी टाटा रोड के संगम पर स्थित इरॉस सिनेमाघर 2017 में टिकटों की खराब बिक्री के कारण बंद कर दिया गया था। करीब छह साल तक इसके बंद रहने के बाद हाल ही में इसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं जिसमें ये सिनेमाघरों चारों तरफ से एक विशाल कपड़े से ढका नजर आ रहा है। दरअसल ये तस्वीर इस सिनेमाघर के पुनः निर्माण की हैं। खुशखबरी ये है कि इस सिनेमाघरों के पुनरुत्थान के प्रस्ताव को मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (एमएचसीसी) से मंजूरी मिल गई है।

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इरॉस सिनेमाघर अपने नए स्वरूप में हॉल और टिकट एरिया सहित इसे अब 300 सीटों वाले सिनेमाघर में बदल जाएगा। इरॉस सिनेमाघर मुंबई की हेरिटेज इमारतों में आता है। इरॉस सिनेमाघर न सिर्फ मुंबई का सबसे पहला सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर है बल्कि इस सिनेमाघर ने हिंदी सिनेमा के सिनेमा के इतिहास को बरसों से संजोए रखा है।


सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाहों के बाद बृहन्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) का बयान भी सामने आया है जिसके मुताबिक इस इमारत को तोड़ा नहीं जा रहा है। वहीं इस इमारत की देखरेख करने वाली कंपनी मेट्रो रिएलिटी के अधिकारियों ने यह बताया कि सिनेमाघर को तोड़े जाने की खबर एकदम निराधार है। दरअसल पुनर्विकास की इस योजना को 2018 में ही मंजूरी दे दी गई थी लेकिन कोविड महामारी के कारण योजनाओं में देरी हो गई। मेट्रो रिएलिटी के अधिकारियों ने कहा है कि सिनेमाघर के संरक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। इमारत पुरानी होने के कारण इसमें तमाम तरह की दिक्कतें हैं। इन सारी चीजों में कम से कम एक साल लगेगा और उसके बाद हम इंटीरियर पर काम शुरु करेंगे।


1200 लोगों के बैठने की क्षमता वाले इरॉस सिनेमाघर की शुरुआत 1938 में हुई थी। उस समय इस सिनेमाघर को बनाने में लगभग तीन साल लगे थे। मेट्रो रिएलिटी ने वादा किया कहा कि सिनेमाघर के किसी भी आर्ट डेकोर और पुरातात्विक तत्वों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।


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