Wrestlers Protest:पहलवानों का धरना बना नेताओं की राजनीति का अखाड़ा, प्रियंका और केजरीवाल जंतर-मंतर पहुंचे – Wrestlers Protest Became Arena Of Politicians Politics Priyanka Gandhi Arvind Kejriwal Reached Jantar Mantar
प्रियंका गांधी और अरविंद केजरीवाल
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दो प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद शनिवार को पहलवानों का धरना स्थल बड़े राजनीतिज्ञों का मंच बन गया। शनिवार (29 अप्रैल) सुबह पहलवानों के अभ्यास के समय पौने आठ बजे के करीब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जंतर-मंतर पहुंचीं तो शाम चार बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर पहलवानों को अपना समर्थन दिया। केजरीवाल ने कहा यह वही ऐतिहासिक जंतर-मंतर हैं, जहां से अन्ना हजारे के आंदोलन ने देश की राजनीति को बदला। आज इसी जगह पर महिला पहलवान न्याय के लिए धरने पर बैठी हैं, इनका आंदोलन देश की खेल व्यवस्था को बदल देगा।
पहलवान गुस्साए बोले-राजनीतिक रंग न दें लोग
वहीं धरने पर बैठे बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग उनके मंच का प्रयोग कर इसे दूसरी तरह का रंग देना चाहते हैं। वह ऐसा नहीं होने देंगे। दरअसल कुछ लोगों के ग्रुप ने धरना स्थल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए थे। इसके बाद ही पहलवान बुरी तरह नाराज हो गए। हालांकि पहलवानों से जब यह पूछा गया कि वे किसके खिलाफ आरोप लगा रहे हैं तो उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
बजरंग ने कहा कि वह अपने धरने को राजनीतिक फायदे के लिए प्रयोग नहीं होने देंगे। वह अपने मंच को भड़काऊ आंदोलन नहीं बनने देंगे। यह धरना महिला पहलवानों के न्याय के लिए दिया जा रहा है। धरने के दूसरे दिन पहलवानों ने खुद खापों, पंचायतों, किसान यूनियनों और राजनीतिक पार्टियों को समर्थन के लिए आमंत्रित किया था। शनिवार को भी जब प्रियंका गांधी और केजरीवाल धरनास्थल पर आए तो पहलवानों ने उनकी आगवानी की।
केजरीवाल बोले-छुट्टी लेकर धरने पर आएं लोग
केजरीवाल ने धरना स्थल से देशवासियों से अपील की कि वे दो दिन की छुट्टी लें और महिला पहलवानों के समर्थन में आकर खड़े हों। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि जिन बेटियों ने देश का नाम रोशन किया आज उन्हें इस तरह न्याय की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। केजरीवाल जब धरना स्थल पर पहुंचे तो अफरा-तफरी की माहौल बन गया। समर्थन में धरने पर आए लोग केजरीवाल के साथ सेल्फी लेने में लग गए। बजरंग की अपील के बाद ही स्थिति को काबू में किया गया।
प्रियंका ने महिला पहलवानों को लगाया गले
वहीं, सुबह पहुंचीं प्रियंका गांधी धरना स्थल पर तकरीबन एक घंटा रहीं। उन्होंने काफी देर तीनों पहलवानों से बात की। इस दौरान विनेश और साक्षी रोने भी लगीं तो उन्होंने उन्हें गले लगाकर उनके सिर पर हाथ भी फेरा। प्रियंका ने इस दौरान कहा कि जब ये पहलवान पदक जीतते हैं तो हम सभी सोशल मीडिया पर उन्हें शाबाशी देते हैं। आज ये सड़क पर बैठे हैं और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
प्रियंका के अलावा शनिवार शाम को दिल्ली की मेयर शैली ओबेराय और मुक्केबाज विजेंदर कुमार भी धरना स्थल पर पहुंचे। इससे पहले धरने पर कांग्रेस सांसद दीपेंदर हुड्डा, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, रालोद नेता जयंत चौधरी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, आप नेता आतिशी मारलेना, सौरभ भारद्वाज पहुंच चुके हैं।
बबिता और विनेश आमने-सामने
विनेश फोगाट की चचेरी बहन और निगरानी समिति की सदस्य बबिता फोगाट ने सुबह ट्वीट कर विवादों को जन्म दे दिया। उन्होंने लिखा कि प्रियंका गांधी के साथ उनके निजी सचिव संदीप सिंह भी आए हैं जिन पर खुद छेड़छाड़ के आरोप लग चुके हैं। इस पर विनेश ने कहा कि अगर आप हमारी मदद नहीं कर सकती हैं तो कम से कम मुश्किलें नहीं खड़ी करें।
पहलवानों को मिली प्राथमिकी, विनेश को बुखार
प्रियंका गांधी ने सुबह पहलवानों को प्राथमिकी की प्रति नहीं मिलने की बात उठाई थी, लेकिन पहलवानों को शनिवार को ही दिल्ली पुलिस ने एक प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध करा दी। हालांकि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी को उन्हें नहीं दिया गया। इसे शिकायतकर्ता के माता-पिता को सौंपा जाएगा। पहलवानों ने भी स्वीकार कर लिया कि उन्हें प्राथमिकी की प्रति मिल गई है। दूसरी ओर विनेश को शनिवार को बुखार आ गया। उन्हें बोलने में समस्या आ रही है। बावजूद इसके उन्होंने दोपहर में मीडिया को संबोधित किया।
दिल्ली पुलिस पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
बजरंग ने दिल्ली पुलिस पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रात में धरना स्थल की बिजली काट दी गई। बाथरूम में पानी बंद कर दिया गया। यहां तक खाने की सप्लाई भी रोक दी गई। जेनरेटर में तेल खत्म हो गया था, लेकिन तेल को भी अंदर नहीं लाने दिया गया। उन्होंने एसीपी से बात की तो उन्होंने भी सहयोग नहीं किया।