Wrestlers Protest:पहलवानों ने ठुकराया सुलह का फार्मूला, बृजभूषण की गिरफ्तारी पर अड़े – Wrestlers Protest: Wrestlers Rejected The Formula Of Reconciliation, Adamant On The Arrest Of Brij Bhushan
जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन
– फोटो : सोशल मीडिया
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धरने पर बैठे पहलवानों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के सुलह फार्मूले को ठुकरा दिया है। सोमवार की शाम साई के उप महानिदेशक शिव शर्मा पहलवानों को समझाने के लिए पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से कहा कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगाते हुए उसका कार्यभार भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की ओर से गठित की जाने वाली अस्थायी समिति को सौंप दिया है। ऐसे में अब बृजभूषण शरण सिंह की अगुवाई वाली कार्यकारिणी का कुश्ती संघ में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा, लेकिन पहलवानों ने उन्हें साफ कर दिया अब काफी देर हो चुकी है। तीन माह तक उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्हें बृजभूषण पर एफआईआर और गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
आईओए 27 को तदर्थ समिति के गठन पर करेगा बातचीत
इससे पहले खेल मंत्रालय ने आईओए को लिखा कि मैरी कॉम की अगुवाई वाली निगरानी समिति ने मंत्रालय को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिस पर विचार विमर्श चल रहा है। मंत्रालय ने पत्र में जांच रिपोर्ट के कुछ पहलुओं को तो उजागर किया है, लेकिन यह खुलासा अभी भी नहीं किया है कि कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सही निकलें हैं या गलत। मंत्रालय ने आईओए से कुश्ती संघ के संचालन के लिए अस्थायी समिति का गठन कर 45 दिन के अंदर चुनाव कराने को कहा। इस दौरान विदेश में टीमें भेजने और उनके चयन की जिम्मेदारी अस्थायी समिति की होगी। मंत्रालय के पत्र के बाद आईओए ने 27 अप्रैल को अपनी कार्यकारी परिषद की बैठक बुला ली है, जिसमें तदर्थ समिति के गठन पर बातचीत होगी।
कुश्ती संघ में शिकायतों के निपटारे की नहीं थी व्यवस्था
निगरानी समिति की जांच रिपोर्ट के कुछ मुख्य पहलुओं में कुश्ती संघ में यौन उत्पीडऩ मामलों की जांच के लिए आंतरिक शिकायत समिति का नहीं होना और पहलवानों की शिकायतों और उसके निपटारे के लिए उचित व्यवस्था का नहीं होना है। कुश्ती संघ और हितधारकों (पहलवानों समेत) के बीच पारदर्शिता की और जरूरत के साथ पहलवानों के साथ बातचीत के उचित माध्यम नहीं होने का उल्लेख किया गया है।