Sports

Wrestlers Protest:बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पहलवान, आईओए ने बुलाई बैठक – Wrestlers Protest: Ioa Convenes Meeting On Wrestling Association Issue, Wrestler Adamant On Arrest Of Brijbhus

Wrestlers Protest: IOA convenes meeting on Wrestling Association issue, wrestler adamant on arrest of Brijbhus

जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए देश के शीर्ष पहलवान बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ले ली है। दिल्ली पुलिस की ओर से बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं किए जाने पर धरने पर बैठे इन पहलवानों ने यह कदम उठाया है। वहीं खेल मंत्रालय ने पहलवानों के धरने का संज्ञान लेते हुए सोमवार को भारतीय कुश्ती संघ के सात मई को होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी है। मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से कहा है कि कुश्ती संघ के चुनाव कराने और कार्य देखने के लिए तदर्थ या अस्थायी समिति का गठन किया जाए। यह समिति 45 दिन के अंदर कुश्ती संघ के चुनाव कराए। विनेश फोगाट ने मंत्रालय के आदेश पर कहा कि उन्हें नई समिति और कुश्ती संघ के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी मांग बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी है, जो अब तक नहीं हुई है।

चीफ जस्टिस के समक्ष आज फिर होगा मामले का उल्लेख

पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की, लेकिन चीफ जस्टिस ने वकील से कहा कि वह मंगलवार को इस मामले का उल्लेख करें। दरअसल सोमवार को उल्लेख सूची में इस याचिका को सूचीबद्ध नहीं किया गया था। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत की ओर से दिल्ली पुलिस को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए जाएं। एफआईआर दर्ज करने में दिल्ली पुलिस बिना कारण देरी कर रही है।

दिल्ली महिला आयोग ने एफआईआर दर्ज करने को कहा

बजरंग और विनेश ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से नजरअंदाज किए जाने के कारण उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा चारा नहीं बचा था। वहीं दिल्ली पुलिस ने खेल मंत्रालय की ओर से पहलवानों के आरोपों की जांच को गठित निगरानी समिति की रिपोर्ट मांगी, जिससे पहलवानों की ओर से लगाए गए ताजा आरोपों की जांच की जा सके। बृजभूषण के खिलाफ एक नाबालिग समेत सात पहलवानों ने कनॉट प्लेस थाने में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई है। वहीं इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए एफआईआर दर्ज करने को कहा है।

जांच रिपोर्ट में कुछ खामियां आईं सामने

खेल मंत्रालय की ओर से आईओए को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मैरी कॉम की अगुवाई वाली निगरानी समिति ने मंत्रालय को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिस पर विचार विमर्श चल रहा है। रिपोर्ट के कुछ मुख्य पहलुओं में यौन उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए आंतरिक शिकायत समिति का नहीं होना और पहलवानों की शिकायतों और उसके निपटारे के लिए उचित व्यवस्था का नहीं होना है। कुश्ती संघ और हितधारकों (पहलवानों समेत) के बीच पारदर्शिता की और जरूरत है। साथ ही पहलवानों और कुश्ती संघ के बीच बातचीत के उचित माध्यम की भी जरूरत है। 16 अप्रैल को कुश्ती संघ ने गोंडा में सात मई को संघ के चुनाव घोषित किए थे।

धरना स्थल पर पहुंचीं राजनैतिक पार्टियां

बजरंग, विनेश, साक्षी मलिक ने सोमवार को धरना स्थल से खापों, पंचायतों और किसान यूनियनों और राजनीतिक पार्टियों को समर्थन के लिए आमंत्रित कर लिया। तीन माह पहले दिए गए धरने में जब वामपंथी नेता बृंदा करात धरना स्थल पर पहुंची थीं तो पहलवानों ने उन्हें मंच पर आने से रोक दिया था, लेकिन इस बार उन्होंने सभी का समर्थन मांग कर धरने का राजनीतिकरण भी कर दिया। मांग का नतीजा यह निकला कि अखिल भारतीय कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा, आप सांसद सुशील गुप्ता के अलावा कई खाप, पंचायतें, भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत के कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच गए।

  • इस बार हम किसी की नहीं सुनेंगे। हम धरने का चेहरा जरूर हैं, लेकिन हमें पीछे से हमारे गुरुजन और प्रशिक्षकों का आशीर्वाद हासिल है।-विनेश फोगाट
  • पिछली बार हमने धरने का राजनीतिकरण करने नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन हम अब खाप, पंचायतों, महिला संगठनों, राजनैतिक पार्टियों का समर्थन चाहते हैं।-बजरंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button