Revolt Against Appointment Of Ceo In Ioa Objection Raised On Allowances – Amar Ujala Hindi News Live
भारतीय ओलंपिक संघ
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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी समिति ने सीईओ की नियुक्ति और उनके भारी-भरकम वेतन, भत्ते के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। आईओए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटेल और कोषाध्यक्ष सहदेव यादव समेत समिति के 15 में से 12 सदस्यों ने अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखकर सीईओ की नियुक्ति पर फिर से विचार करने और इसके लिए कार्यकारिणी की मंजूरी लेने के लिए कहा है।
समिति की नहीं ली गई मंजूरी
आईओए की कार्यकारी समिति के सदस्य कल्याण चौबे, गगन नारंग, योगेश्वर दत्त, डोला बनर्जी, रोहित राजपाल, अलकनंदा अशोक, राजलक्ष्मी सिंह देव, भूपिंदर सिंह बाजवा, अमिताभ शर्मा और हरपाल सिंह ने आईओए अध्यक्ष को लिखा है कि वे यह बताना चाहते हैं कि सीईओ रघुराम अय्यर की नियुक्ति समिति की मंजूरी से नहीं की गई है। समिति को नामांकन समिति की न तो चयन प्रक्रिया के बारे में बताया गया और न ही चयन के आधार को समझने का मौका दिया गया। समिति ने इस मामले में सीईओ की नियुक्ति से पहले उनके वेतन पर बात करने के लिए सात से 10 दिन का समय मांगा था, लेकिन सदस्यों की इस बात को नजरअंदाज कर पांच जनवरी को अन्य सुविधाओं के साथ 20 लाख रुपये प्रति माह के वेतन पर सीईओ के नाम की एकतरफा रूप से घोषणा कर दी गई। सीईओ का सालाना वेतन और भत्ते के रूप में दी जाने वाली सुविधाएं तीन करोड़ रुपये के आसपास हैं। यह फैसला समिति को भरोसे में लिए बिना लिया गया है।
तीन सदस्यों के नहीं हैं हस्ताक्षर
समिति सदस्यों ने लिखा है जब तक उन्हें भरोसे में नहीं लिया तब सीईओ को नियुक्ति नहीं किया जाए। इस फैसले को लागू करने से पहले समिति को आईओए की वर्तमान आर्थिक स्थिति, चयन प्रक्रिया और उम्मीदवार की छंटनी के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। समिति ने लिखा है कि सीईओए सोमवार को कार्यभार संभालने वाले हैं। ऐसे में अध्यक्ष का इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है। 15 सदस्यीय समिति में से तीन सदस्यों अध्यक्ष पीटी उषा, एमसी मैरी कॉम और शरत कमल के इसमें हस्ताक्षर नहीं हैं।
योगेश्वर, राजलक्ष्मी ने जताया था सबसे पहले विरोध
पांच जनवरी को समिति की बैठक में सीईओ की नियुक्ति पर चर्चा हुई थी, लेकिन उसी दिन रात में पीटी उषा की ओर से रघुराम अय्यर को सीईओ नियुक्ति करने की घोषणा कर दी गई। इसके बाद योगेश्वर दत्त और राजलक्ष्मी सिंह देव ने इस नियुक्ति पर विरोध जताया। सदस्यों ने तर्क दिया कि आईओए गैर लाभकारी सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड एक चैरिटेबल संस्थान है, हम 2.40 करोड़ रुपये (20 लाख के हिसाब से) सालाना वेतन का कैसे औचित्य सिद्ध करेंगे। सिंह देव ने देश के एक बड़े औद्योगिक घराने से भी ज्यादा का टर्नओवर रखने वाले देश के एक बैंकिंग संस्थान के चेयरमैन के सालाना वेतन का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि इस चेयरमैन का सालाना वेतन सिर्फ 37.50 लाख रुपये है।