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Ioa Cannot Exercise Control Over Wfi; Uww Should Lift Ban: Wfi Chief Tells World Body Chief Lalovic – Amar Ujala Hindi News Live

IOA cannot exercise control over WFI; UWW should lift ban: WFI chief tells world body chief Lalovic

संजय सिंह
– फोटो : सोशल मीडिया

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भारतीय कुश्ती संघ से जुड़ा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खेल मंत्रालय का निलंबन खारिज करने के बाद भारतीय कुश्ती संघ ने ओलंपिक समिति की आधीनता भी अस्वीकार कर दी है। भारतीय कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा है कि भारतीय कुश्ती संघ पर भारतीय ओंलपिक समिति नियंत्रण नहीं रख सकती है। विश्व कुश्ती संघ को भारतीय कुश्ती संघ पर लगा प्रतिबंध हटाना चाहिए।

भारतीय कुश्ती संघ ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को याद दिलाया है कि अंतरराष्ट्रीय संस्था के नियमों और आईओसी चार्टर के अनुसार, भारतीय ओलंपिक समिति कुश्ती संघ पर कोई नियंत्रण नहीं रख सकती और विश्व कुश्ती महासंघ से पिछले साल अगस्त में लगाए गए अस्थायी निलंबन को तुरंत हटाने के लिए कहा है। भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित प्रमुख संजय सिंह, ने विश्व कुश्ती संघ के अध्यक्ष नेनाद को लिखे अपने पत्र में कहा कि कुश्ती में ओलंपिक समिति के किसी भी प्रभाव को विश्व कुश्ती द्वारा अवैध माना जाना चाहिए। 

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के तीन दिन बाद भारतीय कुश्ती संघ को खेल मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था और खेल को चलाने के लिए एक आईओए तदर्थ पैनल को फिर से स्थापित किया गया था। संजय सिंह ने शुक्रवार को लालोविक को लिखे अपने पत्र में कहा, “चुनाव के अनुसार, नव-निर्वाचित निकाय ने कुश्ती संघ का कार्यभार संभाल लिया है और इसके मामलों का प्रबंधन कर रहा है, और हम विश्व कुश्ती द्वारा लगाए गए निलंबन को हटाने का इंतजार कर रहे हैं। हम समझते हैं कि हम विश्व कुश्ती के एक संबद्ध सदस्य बने रहेंगे। हालांकि, विश्व कुश्ती द्वारा एक निलंबन लगाया गया है जिसे कुश्ती संघ के चुनाव होने के बाद हट जाना था, जैसा कि आपके पत्र दिनांक 23 अगस्त 2023 में बताया गया है।”

21 दिसंबर को भारी अंतर से चुनाव जीतने वाले संजय ने विश्व कुश्ती का ध्यान दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश की ओर भी आकर्षित किया, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों के मामलों में आईओए के हस्तक्षेप पर रोक लगाता है। उन्होंने लिखा “हम आपका ध्यान ओलंपिक समिति के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले की ओर भी आकर्षित करना चाहेंगे जो छह अगस्त 2023 को पारित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि ओलंपिक समिति किसी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर अधिकार का कोई नियंत्रण नहीं रख सकता है। इसका कोई भी प्रभाव अवैध होगा, एनएसएफ स्वतंत्र संस्थाएं हैं।”

डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय ने यह भी बताया कि जब भारतीय अदालतें, यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियम और ओलंपिक चार्टर सभी एनएसएफ की स्वायत्तता का दावा करते हैं तो आईओए उन नियमों का उल्लंघन कैसे कर सकता है। “जैसा कि देखा जा सकता है कि चाहे वह भारत में न्यायालय हों, यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियम हों या ओलंपिक चार्टर, तीनों एनएसएफ और आईओए की स्वायत्तता को अनिवार्य करते हैं, अन्यथा एनएसएफ के चुनाव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए कोई भी नियंत्रित कारक नहीं हो सकता है जो कि अपने संविधान के अनुसार हुआ हो।”

“इसलिए, हम आपसे डब्ल्यूएफआई के चुनावों को स्वीकार करने का अनुरोध करते हैं जैसा कि पिछले कई दशकों में यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा किया गया है और डब्ल्यूएफआई के अस्थायी निलंबन को हटा दें। आईओए भारत में किसी अन्य एनएसएफ के किसी भी चुनाव को मंजूरी नहीं देता है और न ही दे सकता है।” साथ ही। जो चीज कानूनी तौर पर भी सही नहीं है, उसके लिए डब्ल्यूएफआई को अपवाद के रूप में रखना उचित नहीं होगा।”

उन्होंने कहा कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए और आईओए को हर कदम पर सूचित किया गया। उन्होंने कहा, “यह सब (चुनाव) पारदर्शी तरीके से किया गया था और आईओए पूरी प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ था क्योंकि यह सब आईओए के कार्यालय से ही किया जा रहा था। सभी सफल उम्मीदवारों को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा चुनाव के उचित प्रमाण पत्र भी जारी किए गए थे।” 

संजय ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने चुनाव प्रक्रिया के सफलतापूर्वक संपन्न होने की पुष्टि करते हुए एक पत्र जारी किया था। डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने लिखा “युवा मामले और खेल मंत्रालय ने चुनाव के ठीक तीन दिन बाद एक पत्र जारी किया और पुष्टि की कि चुनाव 21.12.2023 को हुए थे, जिसमें संजय कुमार सिंह को अध्यक्ष और प्रेम चंद लोचब को महासचिव चुना गया है। इस पत्र की प्रति भी आपके अवलोकन के लिए संलग्न है।” 

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