तमिल अभिनेता विशाल के सेंसर बोर्ड पर इसी महीने लगे आरोपों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि सेंसर बोर्ड द्वारा निर्माताओं को परेशान करने का नया मामला सामने आ गया। इस बार मामला फिल्म ‘मंडली’ का है। फिल्म के ट्रेलर को सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी देने में लापरवाही से मार्केटिंग सहित पूरी टीम फिल्म के प्रमोशन में जुट नहीं पा रही है।
रामलीला थीम पर आधारित होने की वजह से निर्माताओं ने फिल्म के प्रचार प्रसार के लिए नवरात्र के समय को ही बेहतर मानते हुए प्रमाणपत्र प्राप्त करने का प्रयास किया था। इस घटना का दुखद पहलू यह है कि फिल्म को प्रमाण पत्र तो मिल गया लेकिन ट्रेलर को सर्टिफिकेट लंबे समय बाद भी नहीं मिल सका है।
फिल्म मंडली के निर्देशक राकेश चतुर्वेदी बताते हैं, ‘हमने सेंसर बोर्ड को इसकी निर्धारित रिलीज की तारीख से 15 से 20 दिन पहले ही सभी जरूरी दस्तावेज सौंप दिए थे। काफी प्रयास के बावजूद अभी तक ट्रेलर की मंजूरी के बारे में उनसे कोई जवाब नहीं मिल सका है। उनके कार्यालय जाने पर निराशा ही हाथ लग रही है। जबकि फिल्म रिलीज से कुछ ही दिन दूर है। यह बेहद निराशाजनक है कि फिल्म का प्रचार नहीं हो पा रहा है। प्रोमो के माध्यम से अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचने की टीम की मंशा को सेंसर बोर्ड बाधित कर रहा है।’
रजनीश दुग्गल, बृजेंद्र काला, आंचल मुंजाल, अभिषेक दुहान, विनीत कुमार अभिनीत फिल्म मंडली के निर्माता ने भी फिल्म के ट्रेलर को सिनेमाघर और प्रसाद चैनल पर चलने की मंजूरी नहीं देने और लगातार इसमें देरी के लिए सेंसर बोर्ड की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया है। फिल्म को प्रमाण पत्र भी मिल चुका है मगर मार्केटिंग बाधित होने से फ़िल्म को भारी नुकसान हो रहा है। फिल्म 27 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है और ट्रेलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित है।
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