37 Years Of Karma:अब संस्कृत में गूंजेगा कर्मा का गाना ऐ वतन तेरे लिए, पढ़िए कालजयी फिल्म की मेकिंग के किस्से – Subhash Ghai Recreates Hit Karma Song Aye Watan Tere Liye In Sanskrit Bioscope With Pankaj Shukla

सुभाष घई की मल्टीस्टारर फिल्म
बतौर निर्माता ‘कर्मा’ सुभाष घई की दूसरी फिल्म है और बतौर निर्देशक नौवीं। ये फिल्म बनाने के लिए सुभाष घई ने हर फॉर्मूला, हर हथकंडा और हर जुगत आजमाई। फिल्म में इतने सारे सितारे एक साथ लाना आसान नहीं था। निर्माता के तौर पर घई ने साम, दाम, दंड भेद सब अपनाए, और निर्देशक के तौर पर घई ने किस्से, कहानियां, कलाकारी, रंगदारी सब दिखाई और ये फिल्म जैकी श्रॉफ, मीनाक्षी शेषाद्रि व डिंपल कपाड़िया की केतन देसाई निर्देशित फिल्म ‘अल्ला रखा’ से हफ्ता भर पहले रिलीज होकर मैदान मार ले गई।
सचिन भौमिक संग रची कहानी
ये उन दिनों की बात है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके आवास पर ही हत्या कर दी गई थी। और, अपने बालसखा राजीव गांधी का हाथ बंटाने अमिताभ बच्चन राजनीति में चले गए थे। अमिताभ बच्चन ने उन दिनों तमाम फिल्में छोड़ दी थीं। उनमें एक फिल्म सुभाष घई की शामिल थी। ये फिल्म ‘हीरो’ और ‘मेरी जंग’ की रिलीज के बाद शुरू होनी थी। ये फिल्म बंद हुई तो सुभाष घई ने ‘कर्मा’ शुरू की। एक तरह से देखा जाए तो मशहूर पटकथा लेखक सचिन भौमिक के साथ मिलकर सुभाष घई ने रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले’ का नया संस्करण तैयार कर दिया था। जेल से छूटे बदमाश वहां भी मेन विलेन को पकड़ने निकलते हैं, यहां भी जेल में फांसी की सजा पाए कैदी सीतापुर जेल के जेलर की मदद करने निकलते हैं।
‘कर्मा’ नाम रखने की वजह
फिल्म का नाम कर्म की बजाय ‘कर्मा’ क्यों रखा गया? ये पूछने पर सुभाष घई कहते हैं, ‘हां, ये बात सही है कि ये फिल्म कर्म की बात ही करती है और इसका सच पूछे तो शीर्षक भी यही होना चाहिए लेकिन एक फिल्मकार अपनी कला को अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने और इसे भव्य व शानदार तरीके से परदे पर प्रस्तुत करने के लिए कुछ सिनेमाई छूट भी चाहता है। मैंने भी ये छूट ली और फिल्म का नाम ‘कर्मा’ रखा। ये कुछ वैसे ही जैसे क्लाइमेक्स में जब डॉ. डैंग पर गोलियां चलती है तो उसके पीछे दिख रहे भारत के नक्शे को आंच तक नहीं आती। तो ऐसा होता है फिल्मों में।’
जलवा जैकी श्रॉफ का
फिल्म ‘कर्मा’ में जैकी श्रॉफ की भी मुख्य भूमिका थी और उन्हीं दिनों अमिताभ बच्चन ने एक फिल्म निर्माता मनमोहन देसाई की छोड़ी थी, ‘अल्लारखा’। इस फिल्म से मनमोहन देसाई के बेटे केतन ने बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया। अमिताभ बच्चन की सिफारिश पर ही मनमोहन देसाई ने ‘अल्लारखा’ में अमिताभ के लिए लिखा लीड रोल जैकी श्रॉफ को दिया। फिल्म की शूटिंग जल्द से जल्द पूरी करने के लिए उन्हें मुंहमांगी फीस भी दी गई। इधर, सुभाष घई को लगा कि कहीं ऐसा न हो कि उनका ही बनाया हीरो उनके हाथ से निकल जाए। ‘कर्मा’ और ‘अल्लारखा’ की शूटिंग साथ चल रही थी। दोनों फिल्मे पहले तो एक ही दिन रिलीज वाली थीं। लेकिन, फिर मनमोहन देसाई और सुभाष घई ने बैठक की और रिलीज में एक हफ्ते का अंतर तय किया।