केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सरकार की पहल को लोगों का मजबूत समर्थन मिल रहा है। शाह राज्य के अपने दौरे के तीसरे दिन हिंसा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के मुहिम में जुटे। उन्होंने जहां कांगपोकपी में कुकी राहत शिविर का दौरा कर पीड़ितों की बातें सुनीं वहीं इंफाल में एक राहत शिविर में मैतेई शरणार्थियों की पीड़ा भी सुनी।
राहत शिविरों में शाह ने लगातार लोगों को हौसला बंधाया। उन्होंने कहा, सब कुछ ठीक हो जाएगा। कुछ दिन और लगेंगे। आप परेशान न हों। गृह मंत्री खुद कम बोल रहे थे, लोगों की ज्यादा सुन रहे थे। उन्होंने कहा, हम सब आपके साथ हैं। वह बार-बार लोगों को आश्वासन दे रहे थे कि सरकार उनके साथ है। दोनों शिविरों में उन्होंने पीड़ितों को जल्द से जल्द उनके घर भेजने और जनजीवन को फिर पहले की तरह सामान्य बनाने का वादा किया।
वहीं, गृह मंत्री बुधवार को भारत-म्यांमार के सीमावर्ती शहर मोरेह के दौरे पर पहुंचे। टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में उन्होंने संयुक्त नागरिक समाज संगठनों के नेताओं से मुलाकात की। यहां उन्होंने राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों के कमांडरों के साथ भी बैठक कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
कुकी संगठन का दावा, गृह मंत्री पुलिस कमांडो वापस बुलाने पर सहमत…कुकी छात्र संगठन (केएसओ) ने दावा किया कि गृह मंत्री ने मोरेह से पुलिस कमांडो वापस बुलाने, मेडिकल सुविधा के लिए गुवाहाटी और आईजोल से हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने का वादा किया है।
अचानक गोली की आवाज आई, मैं बच्चा उठाकर भाग खड़ी हुई
उस समय मैं पूजा की तैयारी कर रही थी। अचनाक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। मैंने सब कुछ छोड़कर बच्चे को उठायाे और भाग खड़ी हुई। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। क्या करना है, पता भी नहीं चल रहा था। इंफाल ईस्ट के एक राहत शिविर में एक महिला ने उस काली स्याह रात की यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सुनाई। आपबीती सुनाते उसके आंसू निकल पड़े। शाह खुद उस रात की घटना के बारे में सभी से जानना चाहते हैं। इसलिए वे हर किसी से खुद आगे बढ़ कर पूछ रहे थे। उनका दु:ख जानने की कोशिश कर रहे थे।
सब कुछ खत्म होने के बाद आए सुरक्षाकर्मी
महिला ने गृह मंत्री से कहा, जो हुआ, फिर दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए। कहा, जब हमारे घर जलाए जा रहे थे, तब किसी ने हमारी मदद नहीं की। सब कुछ खत्म होने के बाद सुरक्षाकर्मी आए।
गृह मंत्री ने खुद आगे बढ़ कर पूछा हालचाल
राहत शिविरों का दौरा करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत आराम से सबकी बात सुनी। वे बार-बार कहते हुए दिखे, आप कुछ बताइए। कई बार अपनी बात कहते हुए लोग गुस्से में भी आए, लेकिन शाह शांत रहे।
उग्रवादियों का कैंपों से चले जाना चिंता का विषय…सुरक्षा बलों के अनुसार कई उग्रवादी अपने निर्धारित कैंपों से बाहर चले गए हैं जो कि चिंता का विषय है और उन्हें वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने सभी समुदायों को अपने हथियार जमा करने के लिए भी कहा है।
- हिंसा के प्रभावितों में कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के लोग हैं जो सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर गए थे मगर अब अपने घर लौटना चाहते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की टीम तैनात की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हिंसाग्रस्त इलाकों में डॉक्टरों की कई टीमें तैनात की हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के निर्देश पर छह टीमें जिनमें हर टीम में चार विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं, वहां भेजी गई हैं।
अरामबाई को गैरकानूनी घोषित करने की मांग
आदिवासियों और कुकी प्रतिनिधियों ने अलग प्रशासन, मोरेह से मणिपुर पुलिस कमांडो की तत्काल वापसी, मैतेई कट्टरपंथी समूहों अरामबाई तेंगगोल और मैतेई लीपुन को गैरकानूनी संगठन घोषित करने, मोरेह में निर्बाध दूरसंचार सेवाएं, इंफाल में वर्तमान संघर्ष से संबंधित अदालती सुनवाई रोकने और स्वास्थ्य सुविधा के लिए हेलिकॉप्टर सेवा की व्यवस्था करने की मांग उठाई।
बैठक में ये संगठन शामिल हुए…शाह के साथ बैठक में हिल ट्राइबल काउंसिल ऑफ मोरेह, कुकी चीफ्स एसोसिएशन ऑफ टेंग्नौपाल, केएसओ टेंग्नौपाल, मोरेह यूथ क्लब शामिल थे।