दावा:स्थानीय मीडिया के जरिए दूसरे देशों की छवि खराब करने में लगा चीन; भारत में न्यूजक्लिक को बनाया जरिया – China Made Newsclick Vehicle For Disinformation In India Update News In Hindi
चीन।
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अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है किस तरह से चीन दुनियाभर में मीडिया आउटलेट को पैसे देकर अपनी छवि चमकाने और दूसरे देशों के खिलाफ दुष्प्रचार को अंजाम दे रहा है। चीन के इस एजेंडा को चलाने में श्रीलंकाई मूल का अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम किंगपिंग के तौर पर सामने आया है।
इसके साथ ही भारत के न्यूजक्लिक पोर्टल का नाम उन संस्थानों में शामिल हो गया है, जिन्हें सिंघम ने चीनी दुष्प्रचार के लिए भुगतान किया है। दिलचस्प बात यह है कि न्यूजक्लिक और सिंघम दोनों ही लंबे समय से भारत की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नजर में हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, कम ही लोग जानते हैं कि नेविल रॉय सिंघम चीन की सरकार का काम कर रहा है। गैर-लाभकारी संगठनों और शैल कंपनियों की आड़ में चीन अपने दुष्प्रचार को दुनियाभर में फैलाने के लिए रॉय को फंडिंग कर रहा है। रॉय दान के रूप में इस पैसे को भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों में कथित प्रगतिशील लोगों और संगठनों को दे रहा है, जो प्रगतिशीलता की वकालत के बहाने चीनी सरकार के इशारे पर लोगों को भड़काने और भ्रमित करने में जुटे हैं।
नेविल रॉय सिंघम ने बांटे 2,275 करोड़
1954 में जन्मा 69 वर्षीय नेविल राय सिंघम खुद को कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता बताता है। वह थॉटवर्क नाम की आईटी कंपनी का फाउंडर और चेयरमैन है। नेविल ने अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों में गैर सरकारी संगठनों को एक साल में 27.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 2,275 करोड़ रुपये बांटे हैं। नेविल का दुष्प्रचार तंत्र कई मीडिया हाउस तक फैला है।