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तमिलनाडु:राष्ट्रपति बोलीं- शिक्षित महिलाएं अर्थव्यवस्था और समाज में बड़ा योगदान दे सकती हैं, Cm ने कही यह बात – President Murmu Bets On Women To Propel Nation, Cm Stalin Says Work On To Bring Out New State Education Policy

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को आगे बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने रविवार को कहा कि शिक्षित महिलाएं ना केवल अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे सकती हैं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर सकती हैं और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। मुर्मू ने यहां मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए इस तथ्य पर प्रसन्नता जताई कि इस समय लगभग 1.85 लाख विद्यार्थी विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में पढ़ रहे हैं और उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां हैं।

उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 105 विद्यार्थियों में से 70 प्रतिशत लड़कियां हैं। उन्होंने आगे कहा, मद्रास विश्वविद्यालय लैंगिक समानता का एक ज्वलंत उदाहरण है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम लड़कियों की शिक्षा में निवेश करके अपने देश की प्रगति में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान दे सकती हैं, विभिन्न क्षेत्रों का नेतृत्व कर सकती हैं और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

मुर्मू ने स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह क्षेत्र सभ्यता और संस्कृति का उद्गम स्थल रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि 1857 में स्थापित यह विश्वविद्यालय देश के सर्वाधिक पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है।

राष्ट्रपति ने कहा, यह गर्व की बात है कि छह पूर्व राष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं जिनमें एस राधाकृष्णन, वीवी गिरि, नीलम संजीव रेड्डी, आर वेंकटरमन, केआर नारायाणन और एपीजे अब्दुल कलाम शामिल हैं।

राज्यपाल आरएन रवि ने स्नातक छात्रों से आग्रह किया कि वे आत्मविश्वास के साथ पुनर्जीवित भारत में उद्यमिता के कई अभूतपूर्व अवसरों का पता लगाएं, बड़े सपने देखें और अपने सपनों को पूरा करने में अपना मन लगाएं। अपने संबोधन में, सीएम स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार तमिलनाडु के इतिहास, औद्योगिक-विचार प्रक्रिया और भविष्य के लक्ष्यों और आर्थिक विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप एक अद्वितीय “राज्य शिक्षा नीति” तैयार करने पर गहनता से काम कर रही है। गौरतलब है कि द्रमुक शासन वैचारिक रूप से भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करता रहा है।

राज्य में सरकारी संस्थानों सहित बड़ी संख्या में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों पर आंकड़े पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है और उन्होंने इस सफलता का श्रेय जस्टिस पार्टी के नेतृत्व वाले शासन के दौरान लगभग एक सदी पहले शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बोए गए बीजों को दिया।

उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थानों में से 18 तमिलनाडु में हैं, जो उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट हैं। सीएम ने सत्तारूढ़ डीएमके के वैचारिक अग्रदूत जस्टिस पार्टी के समय 1929 में चिदंबरम में अन्नामलाई विश्वविद्यालय की स्थापना की ओर इशारा किया।

स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए मुर्मू ने कहा कि 1857 में स्थापित इस विश्वविद्यालय को भारत के सबसे पुराने आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा, 165 वर्षों से अधिक की अपनी यात्रा के दौरान मद्रास विश्वविद्यालय ने शिक्षा के उच्च मानकों का पालन किया है, एक ऐसा वातावरण प्रदान किया है जो बौद्धिक जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देता है।

देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ीं प्रतिष्ठित महिलाएं सरोजिनी नायडू और दुर्गाबाई देशमुख, नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन और एस चंद्रशेखर, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम पतंजलि शास्त्री और न्यायमूर्ति के सुब्बाराव भी कभी मद्रास विश्वविद्यालय के छात्र थे।

उन्होंने कहा, तिरुक्कुरूल सदियों से हम सभी का मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि भक्ति काव्य की महान परंपरा तमिलनाडु से शुरू हुई और भ्रमण करने वाले संत इसे देश के उत्तरी हिस्से में लेकर गए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंदिरों की वास्तुकला और उनकी मूर्तियां मानवीय उत्कृष्टता को दर्शाती हैं। इससे पहले मुर्मू को राजभवन में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

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