जलवायु परिवर्तन:भारत के अनोखे हस्तशिल्प अरणमूला शीशे पर मंडरा रहा गंभीर खतरा, मिट्टी की गुणवत्ता में बदलाव – India Unique Handicraft Aranmula Glass Is Under Serious Threat Due To Climate Change
सांकेतिक तस्वीर।
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धातु के फ्रेम में जड़े अरणमूला शीशे केरल के सदियों पुराने हस्तशिल्प हैं और ब्रिटिश संग्रहालय से लेकर बकिंघम पैलेस तक की शोभा बढ़ा रहे हैं। लेकिन, जीआई संरक्षित अरणमूला शीशा निर्माण की कला जलवायु परिवर्तन के कारण अब संकट में है क्योंकि बदलते मौसम चक्र से, इन शीशों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ा है।
केरल में बाढ़ और अत्यधिक बारिश की घटनाएं लगातर बढ़ रही हैं और इसके कारण हस्तशिल्प में इस्तेमाल होने वाले एक जरूरी कच्चे माल पांबा बेसिन की मिट्टी की उपलब्धता कम हो रही है। इस मिट्टी का इस्तेमाल सांचा बनाने में किया जाता है। मलयालम में अरणमूला शीशे को ‘अरणमूला कन्नाडी’ कहा जाता है, क्योंकि इनका निर्माण पथनमथिट्टा जिले के अरणमूला में होता है। धातु निर्मित इन शीशों को 2004-2005 में भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग दिया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2015 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रथम महिला सामंथा कैमरन को अरणमूला कन्नाडी भेंट किया था।
मिट्टी तलाशने में मुश्किलें : बाढ़ तथा भूस्खलन के कारण कारीगरों को शीशा बनाने के लिए मिट्टी तलाशने में मुश्किलें आ रही हैं। अरणमूला शीशे बनाने में इस्तेमाल धातुओं का अनुपात यहां के लोग किसी को नहीं बताते और परंपरागत रूप से अगली पीढ़ी को इस कला में पारंगत किया जाता है।