किशोर जेना की कहानी:आठ साल पहले वॉलीबॉल छोड़कर भाला फेंक में उतरे, दो साल से नहीं गए घर; एशियाड में जीता पदक – Kishore Kumar Jena Won Silver Medal In Javelin Throw In Asian Games 2023 Life Story
किशोर कुमार जेना
– फोटो : अमर उजाला
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भारत के भाला फेंक खिलाड़ी किशोर कुमार जेना ने एशियाई खेलों में कमाल कर दिया। उन्होंने बुधवार (चार अक्तूबर) को पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीत लिया। किशोर फाइनल में स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के बाद दूसरे स्थान पर रहे। नीरज चोपड़ा ने 88.88 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पर कब्जा जमाया। वहीं, किशोर जेना ने 87.54 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत हासिल किया। जापान के गेंकी डीन 82.68 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे। किशोर का एशियाई खेलों में यह पहला पदक है।
किशोर का एशियाई खेलों तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। आठ साल पहले वॉलीबॉल को छोड़कर भाला फेंक को अपनाने वाले किशोर की कहानी काफी प्रेरणादायी है।
किशोर के पिता करते हैं खेती
किशोर जेना का घर ओडिशा के पुरी जिले के कोथासाही गांव में है। छह बहनों के सबसे छोटे भाई किशोर जेना के पिता खेती करते हैं और सभी बेटियों की शादी के लिये आर्थिक अड़चनें झेलने के बावजूद बेटे के सपने पूरे करने में कभी पीछे नहीं हटे। किशोर जेना के मुताबिक, वह पहले वॉलीबॉल खेलते थे। 2015 में उन्होंने भाला फेंक को अपनाया था। उन्होंने भुवनेश्वर के स्पोर्ट्स हॉस्टल से अपनी शुरूआत की थी। अब वह पटियाला साई केंद्र का हिस्सा हैं। परिवार में कोई खेलों से जुड़ा नहीं है। उनका साधारण मध्यमवर्गीय परिवार है।