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अलविदा हांगझोऊ, नागोया में मिलेंगे:रंगारंग कार्यक्रम के साथ एशियाई खेलों का समापन, भारत के नाम रिकॉर्ड पदक – Goodbye Hangzhou, Meet In Nagoya: 19th Asian Games Concludes With Colorful Program, India Wins Record Medal

Goodbye Hangzhou, meet in Nagoya: 19th Asian Games concludes with colorful program, India wins record medal

हांगझोऊ एशियाई खेलों का अंत
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


चीन की सांस्कृतिक विरासत और तकनीक के बेहतरीन तालमेल के साथ यहां रविवार को 19वें एशियाई खेलों का रंगारंग समापन हो गया। बिग लोटस स्टेडियम में 80 हजार दर्शकों की मौजूदगी के बीच 75 मिनट तक चले समारोह में रोशनी, संगीत और लेजर शो के बाद भाग लेने वाले 45 देशों ने 2026 में जापान के शहर नागोया में होने वाले अगले एशियाई खेलों में मिलने का वादा करते हुए विदा ली।

16 दिन हुए खेलों में 13 विश्व रिकॉर्ड, 26 एशियाई और 97 गेम्स रिकॉर्ड टूटे। अगले खेलों के मेजबान नागोया के गर्वनर को समारोह में एशियाई ओलंपिक परिषद और नई दिल्ली में 1951 में हुए पहले एशियाई खेलों का ध्वज और मशाल सुपुर्द की गई।

अब पेरिस में करना है दस को पार

हांगझोऊ एशियाई खेलों के प्रदर्शन ने अगले वर्ष होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए उम्मीदें जगा दी हैं। एशियाड में 107 पदक जीतकर भारतीय दल ने इस बार सौ पार का लक्ष्य पूरा करते हुए पेरिस में टोक्यो ओलंपिक में जीते गए सात पदकों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ने के लिए कमर कस ली है। पेरिस में भारतीय दल का लक्ष्य 10 पदकों को पार करने का रहेगा।

ज्योति-ओजस तीन-तीन स्वर्ण जीत बने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

भारत ने पांच साल में ही एशियाई खेलों के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। 2018 के जकार्ता एशियाड में भारत ने 70 पदक जीते थे, जिसे 2023 में 37 पदकों से भारतीय दल ने पीछे छोड़ा। अब पेरिस में तीन साल पहले टोक्यो में किए गए सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन को पीछे छोडऩे की बारी है। सही मायनों में यह एशियाड भारत के लिए बेहद खास है। यह पहली बार है जब एक एशियाड में देश के चार खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक समेत तीन से चार पदक जीते। कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा और ओजस देवताले तीन-तीन स्वर्ण जीतकर देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनें, जबकि निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और ईशा सिंह ने चार-चार पदक जीते।

इन्होंने किया विश्वस्तरीय प्रदर्शन

हांगझोऊ में कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन ऐसे रहे, जो विश्वस्तरीय रहे। इनमें 50 मीटर थ्री पोजीशन में विश्व रिकॉर्ड के साथ जीता गया सिफ्त कौर समरा का स्वर्ण, नीरज चोपड़ा का 88.88 की थ्रो के जेवेलिन थ्रो में स्वर्ण और किशोर जेना का 87.54 मीटर के साथ जीता गया रजत, बैडमिंटन युगल में सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की ओर से युगल में पहली बार जीता गया ऐतिहासिक स्वर्ण, सुतीर्था मुखर्जी-अयहिका मुखर्जी की ओर से टेबल टेनिस के युगल में जीता गया कांस्य पदक, ईशा सिंह का 25 मीटर पिस्टल में रजत, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर का 10 मीटर एयरराइफल में कांस्य और 50 मीटर थ्री पोजीशन में रजत, दीपक पूनिया का 86 में रजत और अंतिम पंघाल का 53 भार वर्ग रजत, लवलीना का 75 भार वर्ग में रजत विश्वस्तरीय प्रदर्शन रहे।

इनका प्रदर्शन नहीं रहा अच्छा

एशियाड में अच्छे प्रदर्शन के बीच कुछ खेल और खिलाड़ी ऐसे रहे, जिन्हें यहां पदक जीतने चाहिए थे। रोहन बोपन्ना-युकी भांबरी पुरुष युगल में सर्वोच्च वरीय होने केबावजूद पहले दौर में हारे। पिछले विजेता बजरंग को कोई पदक नहीं मिला। महिला पहलवान मानसी अहलावत, पूजा गहलोत भी पदक नहीं जीत पाईं। मुक्केबाजी में खासतौर पर पुरुषों निराश किया। दीपक भोरिया, निशांत देव, शिवा थापा कुछ नहीं कर पाए। बैडमिंटन में पीवी सिंधू, वेटलिफ्टिंग में चोटिल मीराबाई चानू असफल रहीं। वूशु खिलाड़ियों का प्रदर्शन स्तरीय नहीं रहा।

हांगझोऊ में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

  • ज्योति सुुरेखा (कंपाउंड तीरंदाजी)-3 स्वर्ण
  • ओजस देवताले (कंपाउंड तीरंदाजी)-3 स्वर्ण
  • ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (निशानेबाजी)-दो स्वर्ण, एक रजत, एक कांस्य
  • ईशा सिंह (निशानेबाजी)-एक स्वर्ण, तीन रजत
  • हरिंदर पाल सिंह संधू (स्क्वॉश)-दो स्वर्ण
  • अभिषेक वर्मा (कंपाउंड तीरंदाजी)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • अविनाश साबले (एथलेटिक्स)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • मोहम्मद अजमल (एथलेटिक्स)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • पारुल चौधरी (एथलेटिक्स)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • राजेश रमेश (एथलेटिक्स)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • चिराग शेट्टी (बैडमिंटन)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी-एक स्वर्ण, एक रजत
  • पलक (निशानेबाजी)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • सिफ्त कौर समरा (निशानेबाजी)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • सौरव घोषाल (स्क्वॉश)-एक स्वर्ण, एक रजत
  • अदिति स्वामी (कंपाउंड तीरंदाजी)-एक स्वर्ण, एक कांस्य
  • अभय सिंह (स्क्वॉश)-एक स्वर्ण, एक कांस्य
  • दीपिका पल्लीकल (स्क्वॉश)-एक स्वर्ण, एक कांस्य
  • अनुष अगरवल्ला (घुड़सवारी)-एक स्वर्ण, एक कांस्य
  • कायनन चेनाई (निशानेबाजी)-एक स्वर्ण, एक कांस्य
  • विद्या रामराज (एथलेटिक्स)-दो रजत, एक कांस्य

एक एशियाड में सर्वाधिक पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी

  • पीटी उषा-चार स्वर्ण, एक रजत (1986 एशियाड)
  • जसपाल राणा-तीन स्वर्ण, एक रजत (2006 एशियाड)

इन खेलों ने दिलाए एशियाड में पहले पदक

  • क्रिकेट-पुरुष, महिला टीम ने स्वर्ण जीते
  • सेपक टाकरा-महिला टीम ने पहली बार जीता कांस्य
  • गोल्फ-अदिति अशोक ने रजत जीत महिला वर्ग में पहली बार दिलाया पदक
  • टेबल टेनिस-सुतीर्था मुखर्जी-अयहिका मुखर्जी ने महिला युगल में कांस्य जीत पहली बार दिलाया पदक
  • ट्रैप निशानेबाजी-महिला टीम ने रजत जीत पहली बार दिलाया पदक
  • मिश्रित स्पर्धा तीरंदाजी-ओजस देवताले-ज्योति सुरेखा ने स्वर्ण जीत इस स्पर्धा में पहली बार दिलाया पदक
  • इन खेलों ने जीते एशियाड में अपने सर्वाधिक पदक
  • निशानेबाजी-22 (7 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य)
  • तीरंदाजी-09 (पांच स्वर्ण, दो रजत, दो कांस्य)
  • स्क्वॉश-05 (दो स्वर्ण, एक रजत, दो कांस्य)
  • रोइंग-05 (दो रजत, तीन कांस्य)
  • बैडमिंटन-03 (एक स्वर्ण, एक रजत, एक कांस्य)

पुरुषों ने जीते 48 और महिला ने जीते 43 प्रतिशत पदक

  • पुरुष-15 स्वर्ण, 19 रजत, 18 कांस्य, कुल 52, प्रतिशत 48.6
  • महिला-नौ स्वर्ण, 17 रजत, 20 कांस्य, कुल 46, प्रतिशत 42.99
  • मिश्रित इवेंट-चार स्वर्ण, दो रजत, तीन कांस्य, कुल नौ, प्रतिशत-8.41

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